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बस नम्बर 708 आज भी रोज की तरह वैसे ही आयी थी,भीड़

  बस नम्बर 708 आज भी रोज की तरह वैसे ही आयी थी,भीड़ से पूरी तरह भरी हुई
वैसे अब तो आदत भी हो चली थी भीड़ से भरी बस में सफर करने की हालाकिं सफर तो अबतक बस और ट्रेन से ही किया था,पर इतनी भीड़ भाड़ में चलने का कोई विशेष अनुभव नही था।

कॉलेज के बाद पहली नोकरी किसी न किसी कारण जरूर याद रहती है और मुझे इस 708 की वजह से ही याद रहेगी ये बात तो मैं शुरू के दो चार दिनों में ही जान चुका था।

नया शहर नई नोकरी सब कुछ नया नया 
वो तो भला हो उसे पड़ोस के लड़के का जो पिछले 5-6सालों से दिल्ली में रहकर काम कर रहा है,जो मुझे अपने किराये के घर में रखने के लिए राजी हो गया था।
  बस नम्बर 708 आज भी रोज की तरह वैसे ही आयी थी,भीड़ से पूरी तरह भरी हुई
वैसे अब तो आदत भी हो चली थी भीड़ से भरी बस में सफर करने की हालाकिं सफर तो अबतक बस और ट्रेन से ही किया था,पर इतनी भीड़ भाड़ में चलने का कोई विशेष अनुभव नही था।

कॉलेज के बाद पहली नोकरी किसी न किसी कारण जरूर याद रहती है और मुझे इस 708 की वजह से ही याद रहेगी ये बात तो मैं शुरू के दो चार दिनों में ही जान चुका था।

नया शहर नई नोकरी सब कुछ नया नया 
वो तो भला हो उसे पड़ोस के लड़के का जो पिछले 5-6सालों से दिल्ली में रहकर काम कर रहा है,जो मुझे अपने किराये के घर में रखने के लिए राजी हो गया था।
sachinken0685

Sachin Ken

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