हल्के पन का बोझ लिए मन रोज़ कुछ कदम बढता है कभी बोझ को देखे कभी रास्तों को देखे उलझन से रोज़ गुजरता है कठिन सफर है बोझिल मन है रुकी सी राहें थके से कदम हैं सुना है राहें आसान हो जाती हैं गर हमसफर मनभाया संग है तो फिर चलो न राहों को आसान करते हैं..... नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳