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बस, सुप्रभात,प्यारी दोपहर, आहलादक शाम और शुभ

बस, सुप्रभात,प्यारी दोपहर,
     आहलादक शाम और शुभ रात्रि, 
         कहने की ही बात हो गयी है,अब हमारी, 
              सोचता हूँ इसी सारे मंगल, शुभ , 
    में कहीं अपना डेरा बनादूं, 
       और रुक जाऊँ उसी में हंमेशा के लिए....

©Hiren. B. Brahmbhatt #मंगल #डेरा 

#vacation
बस, सुप्रभात,प्यारी दोपहर,
     आहलादक शाम और शुभ रात्रि, 
         कहने की ही बात हो गयी है,अब हमारी, 
              सोचता हूँ इसी सारे मंगल, शुभ , 
    में कहीं अपना डेरा बनादूं, 
       और रुक जाऊँ उसी में हंमेशा के लिए....

©Hiren. B. Brahmbhatt #मंगल #डेरा 

#vacation