हाथो मे लेकर आज गुलाब उनसे इज़हार करूँगा, दुनियाँ के सामने अपने इश्क़ का इकरार करूँगा, भूल कर ज़माने को बस उनका दीदार करूँगा, जित ना चाहता हूँ उन्हे वो भी चाहे मुझे रब से ये दुआ करूँगा हाथो मे लेकर आज गुलाब उनसे इज़हार करूँगा तुम्हारी खूबसूरती को चाँद से भी परे कहूंगा, तुम्हारे जिस्म की खुशबु को इत्र से बढ़कर कहूंगा तुम्हारी बातो को ही अपनी जिंदगीका सार कहूंगा, कयामत की फिक्र नही मुझे तुम्हे ही मैं अपना खुदा कहूंगा, अब इश्क़ की जंज़ीरो मे बंध कर ही खुद को आज़ाद कहूंगा हाथो मे लेकर आज गुलाब उनसे इज़हार करूँगा ©Rohan Mishra हाथो मे लेकर आज गुलाब उनसे इज़हार करूँगा, दुनियाँ के सामने अपने इश्क़ का इकरार करूँगा, भूल कर ज़माने को बस उनका दीदार करूँगा, जित ना चाहता हूँ उन्हे वो भी चाहे मुझे रब से ये दुआ करूँगा हाथो मे लेकर आज गुलाब उनसे इज़हार करूँगा तुम्हारी खूबसूरती को चाँद से भी परे कहूंगा, तुम्हारे जिस्म की खुशबु को इत्र से बढ़कर कहूंगा