एक लफ़्ज़-एक शेर के तहत आज का लफ़्ज़ है "क़याम" - stay, ठहराव है अजीब शह्र की ज़िंदगी, न सफ़र रहा न क़याम है कहीं कारोबार सी दोपहर, कहीं बदमिज़ाज सी शाम है.. 'बशीर बद्र' इस लफ़्ज़ को नज़्म करें।