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कविता में, तरानों में, दिल के उन चंद खानों में बसा

कविता में, तरानों में, दिल के उन चंद खानों में
बसाते हैं जिसे मन से, हम अपने उन मकानों में,
जहां तक बस हमारी रूह, हमीं को छू सकती हो
हमारे मन की दीवारें वो सारे सच को रखती हो,
उसी सच को जब कभी हम, प्रिय संग बांट देते हैं
हमारी सांस के हिस्से उन्हीं से बांट लेते हैं,
दिन के कुछ चंद लम्हों से, सफ़र जीवन का करते हैं
हम उस पल में अपनों से सदा के वादे करते हैं,
थोड़ा सा साथ चलके फिर, झिझके हाथ को थामे
गले लगती मेरी रूह पे, संग बीती हैं जो शामें,
कुछ ऐसे पल भी कटते हैं, ऐसी रातें भी आती हैं
हमें कहना है काफ़ी कुछ, हमारी नीदें जाती है,
फिर एक दिन उन लगावों पे, शनि कोई लग सा जाता है
थे उसके साथ जो रिश्ते, उन्हें वो तोड़ जाता है,
सदा से एक ही तो रीत ज़माने ने निभाई है
कली जब पक के खिलती है, फूलों को तोड़ा जाता है,
मेरे मन में तितलियां हैं, मेरे हाथों में कंपन हैं
मेरी कविता में यादें हैं, मेरी सांसों में उलझन है,
किसी से क्या कहें यारों कि दिल पे बोझ कितने हैं
है रिश्तों में वो अल्हड़पन और दिल पे बोझ कितने हैं,
मेरी यादों के वो शीशे, वो आके तोड़ जाते हैं
इंसान कितने भी प्यारे हों, वो अक्सर छोड़ जाते हैं ।

©Shivam Nahar #PyarYaDosti #Truth #HindiPoem 

#Thoughts  Neer
कविता में, तरानों में, दिल के उन चंद खानों में
बसाते हैं जिसे मन से, हम अपने उन मकानों में,
जहां तक बस हमारी रूह, हमीं को छू सकती हो
हमारे मन की दीवारें वो सारे सच को रखती हो,
उसी सच को जब कभी हम, प्रिय संग बांट देते हैं
हमारी सांस के हिस्से उन्हीं से बांट लेते हैं,
दिन के कुछ चंद लम्हों से, सफ़र जीवन का करते हैं
हम उस पल में अपनों से सदा के वादे करते हैं,
थोड़ा सा साथ चलके फिर, झिझके हाथ को थामे
गले लगती मेरी रूह पे, संग बीती हैं जो शामें,
कुछ ऐसे पल भी कटते हैं, ऐसी रातें भी आती हैं
हमें कहना है काफ़ी कुछ, हमारी नीदें जाती है,
फिर एक दिन उन लगावों पे, शनि कोई लग सा जाता है
थे उसके साथ जो रिश्ते, उन्हें वो तोड़ जाता है,
सदा से एक ही तो रीत ज़माने ने निभाई है
कली जब पक के खिलती है, फूलों को तोड़ा जाता है,
मेरे मन में तितलियां हैं, मेरे हाथों में कंपन हैं
मेरी कविता में यादें हैं, मेरी सांसों में उलझन है,
किसी से क्या कहें यारों कि दिल पे बोझ कितने हैं
है रिश्तों में वो अल्हड़पन और दिल पे बोझ कितने हैं,
मेरी यादों के वो शीशे, वो आके तोड़ जाते हैं
इंसान कितने भी प्यारे हों, वो अक्सर छोड़ जाते हैं ।

©Shivam Nahar #PyarYaDosti #Truth #HindiPoem 

#Thoughts  Neer
shivamnahar5045

Shivam Nahar

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