देकर अज़ाब हमें, ख़ुद इसके असर से बचते तो और बात थी, भुला-भुलाकर करते हो याद, जैसे कल ही हुई मुलाक़ात थी। Collab करें, आज का लफ्ज़ है "अज़ाब" रोज़ाना एक बेस्ट रचना को मैं अपनी प्रोफाइल से पोस्ट करूंगा !! Example: उसने मेरे थके बदन को, मानो पत्थरो से दाब दिया, अज़ाब ऐसा भी ना होता, तो फिर अज़ाब क्या देना! ✒ Aamir Shaikh