वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥ अर्थात मैं मनोवांछित लाभ के लिये अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करने वाली, वृष पर सवार रहने वाली, शूलधारिणी और यशस्विनी मां शैलपुत्री की वंदना करता हूं। #navratri #1stday #festival