रुस्वाई ए सखी, न हिम्मत हारना तुम अभी, रुस्वाई का भी अलग ही आलम है, खुदा भी मानव को मना करता है कभी! प्रेम का पथ भी बड़ा जालिम है ।। — % & ✒Rashmi Ki Kalam Se **लेखन संगी** #restzone #rztask246 #rzलेखकसमूह #yqbaba #yqbabaquotes