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तुम्हारी अच्छाई हमें बहोत अच्छी लगती हैं ! तुम्हार

तुम्हारी अच्छाई हमें बहोत अच्छी लगती हैं !
तुम्हारी बुराई बहोत बुरी लगती हैं !
तुम्हारे सौ झूठ के आगे हमें तुम्हारी एक बात
सच्ची लगाती हैं !

तुम  एक  बार  माफ़ी मांगो, हम अपने आँशु 
भुला देते हैं !
दूसरी बार मांगो तो,  तुम्हारे संग चले आते हैं !

हमारी खुद की बाते हमें गलत लगने लगती हैं,
तुम्हारी सौ गलत बातें भी आखिर में हमें 
सच्ची लगती हैं !

तुमसे  बिछड़  कर  जीने के लिए  जिंदगी कब 
तैयार हुई , 
सिर्फ़  जुदा  होने  के ख्याल से ही  देखो आँखे
हमारी नम होने लगती हैं..!!

#सुचितापाण्डेय 

 

 #दिलकासफ़र
तुम्हारी अच्छाई हमें बहोत अच्छी लगती हैं !
तुम्हारी बुराई बहोत बुरी लगती हैं !
तुम्हारे सौ झूठ के आगे हमें तुम्हारी एक बात
सच्ची लगाती हैं !

तुम  एक  बार  माफ़ी मांगो, हम अपने आँशु 
भुला देते हैं !
दूसरी बार मांगो तो,  तुम्हारे संग चले आते हैं !

हमारी खुद की बाते हमें गलत लगने लगती हैं,
तुम्हारी सौ गलत बातें भी आखिर में हमें 
सच्ची लगती हैं !

तुमसे  बिछड़  कर  जीने के लिए  जिंदगी कब 
तैयार हुई , 
सिर्फ़  जुदा  होने  के ख्याल से ही  देखो आँखे
हमारी नम होने लगती हैं..!!

#सुचितापाण्डेय 

 

 #दिलकासफ़र