देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री हुए । आते ही सत्ता में जय जवान जय किसान का उद्घोष किए।। देश में फैला जो बवंडर था उसे शांत किया । भारतीय सेना को फिर से तैयार किया।। पाक भूल में था कि 62 की तरह भारत को हरा ले जाएंगे। पर पता नहीं था पाक को मंत्री चाचा नहीं बहादुर है।। भूल के चलते पाक ने 65 में भारत पर आक्रमण किया। जिसका पाक को बहादुर ने मुंह तोड़ जवाब दिया।। यदि 2 घंटे की मोहलत होती तो आज पाक हमारा होता। पर शास्त्री जी से हुई गलती युद्ध विराम कर बैठे।। अपने अधिकृत हिस्से को पाक को दे बैठे। जिससे पाक आज भी गीदड़ भभकी देता है।। लेकिन डरता नहीं है भारत गीदड़ भभकी से। भारत ईट का जवाब पत्थर से देता है।। मैं "प्रवीण" आपके युगल चरणों में वाक्पुष्पांजलि अर्पित करता हूं। एक बार फिर से आपके दर्शन पाना चाहता हूं।। शास्त्री जी