चराग़-ए-उम्मीद बुझ सा गया है हौसला-ए-सफ़र थक सा गया है, कोई ख़्वाब आँख में ठहरता नहीं सुकुन-ए-नींद अब रुक सा गया है। #yqshayari #yqlife #yqmasoom #yqdidi #yqbaba #yqquotes