मनवा ठुमरी गाये, मस्ती मौसम में है छाए, फागुन ठुमक ठुमक घर आये, आया होली का त्योहार। यारों संग जब मिल बैठेंगे, रखियो ना मलाल। बिखराएँगे रंग खुशी के मल मल के गुलाल। देखो बुरा ना मानियो कोई, जब हो धूम धमाल, चेहरे होंगे पीले लाल, छाए रंगों की बहार। फागुन ठुमक ठुमक घर... गुझिया, कांजी वड़ा या मेवा चाहे भले ना रखियो। घर आये की खातिरदारी पिचकारी से करियो। ढोल मंगा के रखियो, थाप पे ठंडाई की धार, दिल मे रखियो अपने प्यार, दीजो स्नेह की फुहार। फागुन ठुमक ठुमक घर... जोगीरा की सा रा रा रा संग मिलइयो तान। रंगों की मस्ती जब छाए रखियो इतना ध्यान। माँ जैसा ही भाभी बहन का रखियो पूरा मान करवइयो ना कुछ अपमान, चाहे जितना हो खुमार। फागुन ठुमक ठुमक घर... अंजलि राज — % & #अंजलिउवाच #YQdidi #होली #फ़ागुन #रंग #उल्लास #स्नेह #मलाल