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~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ * हुआ सृष्टि का निर्मा

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* हुआ सृष्टि का निर्माण जब मैं नारी ; 
  अबला थी नहीं तब ; जबरन अबला हमें बनाया गया है ,, *

* संकीर्ण , ओछी मानसिकताओं की बेड़ियों से जकड़कर 
  पुरुषप्रधान समाज के हाथों बेबस - लाचार हमें बनाया गया है ।। *
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©Alfaj. E.Chand. (Moon ) मैं नारी हूँ ! 
कहती आज सबको मैं अपनी एक कहानी हूँ ! 
मैं पहले उतनी भयभीत नहीं होती थी कभी
जितना अब मैं होती हूँ ।। 
जब अवतरण होता था अपने अस्तित्व का 
किसी नारी के कोख में ,, 
क्योंकि पहले होता नहीं था कभी भ्रूणहत्या इतना 
जितना अब होता है भ्रूणहत्या।।
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* हुआ सृष्टि का निर्माण जब मैं नारी ; 
  अबला थी नहीं तब ; जबरन अबला हमें बनाया गया है ,, *

* संकीर्ण , ओछी मानसिकताओं की बेड़ियों से जकड़कर 
  पुरुषप्रधान समाज के हाथों बेबस - लाचार हमें बनाया गया है ।। *
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©Alfaj. E.Chand. (Moon ) मैं नारी हूँ ! 
कहती आज सबको मैं अपनी एक कहानी हूँ ! 
मैं पहले उतनी भयभीत नहीं होती थी कभी
जितना अब मैं होती हूँ ।। 
जब अवतरण होता था अपने अस्तित्व का 
किसी नारी के कोख में ,, 
क्योंकि पहले होता नहीं था कभी भ्रूणहत्या इतना 
जितना अब होता है भ्रूणहत्या।।