दुश्मन जैसे दोस्त क्यूँ लिखूँ मैं दो शब्द भी खिलाफ उसके दोस्त बनकर मिला था,,, कैसे इस पाख रिश्ते को दुश्मनि का नाम दूं छोड़ो जो हुआ सो हुआ,,, सोच रहाँ हूँ उसे दोस्त ही रहने दूँ,,,! #nojotochalenge# "गुमनाम" Suman Zaniyan Varsha Singh Baghel(शिल्पी)