रो लिए वो ख़ुद के हालाते इश्क़ पर इक बार नहीं देखा कंधे मेरे भी गिले थे, इक बस चोट उन्हीं को नहीं मिली थी दिलों पर ज़ख्म तो हमें भी मिले थे चुप से रहे हम सब सह कर होंठों पे राज़ कुच्छ इस तरह सिले थे☝😓 #हालात- ए- इश्क़