रुठ के भी ना रुठना मुझसे मुझे मनाना नहीं आता.. मै डुब जांउंगा तुम्हारी यादों के किनारे मुझे तैरना भी नहीं आता.. मै तुम्हारे दिल के पिंजरे का पंछी मुझे उडना नहीं आता.. मैंने मौहब्बत को नहीं मौहब्बत को तुम्हारी आंखों मै देखा है ये मुझे कहना नहीं आता. मुझे छोड़ के कभी जाने की बात ना करना मुझसे तेरी सांसों के अलावा मुझे जीना भी नहीं आता.. ©h@&sh!l तुझ संग #withyou