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खुले आसमानों के नीचे चाँद को निहार रहे थे हम दोनों

खुले आसमानों के नीचे चाँद को निहार रहे थे हम दोनों,
बस फर्क हमारी नजरो का था,
वो चाँद के टुकड़े को निहार रही थी और हम अपने चांद के टुकड़े को, #MyLoveMyShyari
खुले आसमानों के नीचे चाँद को निहार रहे थे हम दोनों,
बस फर्क हमारी नजरो का था,
वो चाँद के टुकड़े को निहार रही थी और हम अपने चांद के टुकड़े को, #MyLoveMyShyari