एक नोजवान था , बड़ा ही सामान्य था । लांघी उसने अपनी सीमाएं , जो फिरंगियो के लिए अमान्य था । आगे आया हर मुसीबत में , सब न्यौछावर करने अपना , वो बन गया असामान्य था । चढ़ गया फाँसी पर , अपने देश के लिए , छोटी सी उम्र में बन गया महान था । ~शिव #shaheed #bhagat singh