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अपनी आत्मा, अपनी इज्जत को मारना पड़ता है। जो हमे इ

अपनी आत्मा, अपनी इज्जत को मारना पड़ता है।
जो हमे इंसान तक ना समझे उसके,
 आगे हाथ फैलाना पड़ता है।
जो दानवों की तरह नोचते हैं हमारी बहु बेटियां,
 उनका विवाह के दिन भोग लगाना पड़ता है।
बड़ी जालिम है ये पेट की आग , साहब,
दिल जला कर चूल्हा जलाना पड़ता है।
पता नही किस बीमारी से हम लोग हैं पीड़ित,
किसी ने गूगल किया तो पाया बीमारी का नाम दलित।

इसकी कोई दवा भी नहीं मिल रही है
कैसे ठीक करूं इस लाइलाज बीमारी को
शायद कहीं पर शोध चल रही है?
कभी कभार गटर में जाने से
 या कचड़ा पीने खाने से ठीक हो जाते हैं
थोड़े बहुत पैसे भीख में सरकार से मिल जाते हैं
कुछ महीने शायद परिवार इज्जत से रहेगा नहीं होगा पद्दलित,
किसी ने गूगल किया तो पाया बीमारी का नाम दलित।

©mautila registan #दलित #nojohindi #nojatohindi  #Society #socialissues #Dalit #DalitLivesMatterIndia
अपनी आत्मा, अपनी इज्जत को मारना पड़ता है।
जो हमे इंसान तक ना समझे उसके,
 आगे हाथ फैलाना पड़ता है।
जो दानवों की तरह नोचते हैं हमारी बहु बेटियां,
 उनका विवाह के दिन भोग लगाना पड़ता है।
बड़ी जालिम है ये पेट की आग , साहब,
दिल जला कर चूल्हा जलाना पड़ता है।
पता नही किस बीमारी से हम लोग हैं पीड़ित,
किसी ने गूगल किया तो पाया बीमारी का नाम दलित।

इसकी कोई दवा भी नहीं मिल रही है
कैसे ठीक करूं इस लाइलाज बीमारी को
शायद कहीं पर शोध चल रही है?
कभी कभार गटर में जाने से
 या कचड़ा पीने खाने से ठीक हो जाते हैं
थोड़े बहुत पैसे भीख में सरकार से मिल जाते हैं
कुछ महीने शायद परिवार इज्जत से रहेगा नहीं होगा पद्दलित,
किसी ने गूगल किया तो पाया बीमारी का नाम दलित।

©mautila registan #दलित #nojohindi #nojatohindi  #Society #socialissues #Dalit #DalitLivesMatterIndia