शंका जैसे रोग का, न कोई समाधान। चिकित्सक सब हार गए, वैद्य और लुक़मान। वैद्य और लुक़मान, घोटकर नितदिन घुट्टी। खतरनाक यह रोग, करे रिश्तों की छुट्टी। "अनहद" देता पीर, बजाए बिन ही डंका। रिश्ते करता ढेर, करे जो अक्सर शंका। -अनहद गुंजन #छंद