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काैन कहता है बेटियाँ परायी हाेती है, अब ताे बेटे भ

काैन कहता है बेटियाँ परायी हाेती है,
अब ताे बेटे भी पराये हाे जाते है।
माँ-बाप और अपने सपनाें की खातिर,
अक्सर लड़के भी घर छाेड़ जाते है।
माँ की गाेद के बगैर नींद न आती थी जिनकाें,
अक्सर वाे बगैर तकियें के हीं साे जाते है।
खाने में जाे अक्सर नाक -भाैं चढ़ाते थे,
अब वाे खुद से उबली मैगी बनाते है।
हाेली -दीपावली भी घर नहीं आते,
बहनाें से राखी भी कहां बंधवा पाते है।
मस्त घुमा करते थे दाेस्ताें के 
संग जिन गलियाें मे ,
मुस्कुराते दाे नैनाें की खातिर,
अक्सर उन्हें भी सिसकता छाेड़ जाते है।
बेटियाँ ताे राे लेती है ,
माँ-बाप के गले लग कर।
माँ काे फिक्र न हाे ,
इसलिये बेटे मुस्कुरा के विदा लेते है। घर से दुरी सबकाे सताती है,लड़का हाे या 
लड़की माँ-बाप की याद सबकाे रूलाती है।
#yqbaba#yqdada#yqhindi#yqlove#yqdidi#yqtable#yq
काैन कहता है बेटियाँ परायी हाेती है,
अब ताे बेटे भी पराये हाे जाते है।
माँ-बाप और अपने सपनाें की खातिर,
अक्सर लड़के भी घर छाेड़ जाते है।
माँ की गाेद के बगैर नींद न आती थी जिनकाें,
अक्सर वाे बगैर तकियें के हीं साे जाते है।
खाने में जाे अक्सर नाक -भाैं चढ़ाते थे,
अब वाे खुद से उबली मैगी बनाते है।
हाेली -दीपावली भी घर नहीं आते,
बहनाें से राखी भी कहां बंधवा पाते है।
मस्त घुमा करते थे दाेस्ताें के 
संग जिन गलियाें मे ,
मुस्कुराते दाे नैनाें की खातिर,
अक्सर उन्हें भी सिसकता छाेड़ जाते है।
बेटियाँ ताे राे लेती है ,
माँ-बाप के गले लग कर।
माँ काे फिक्र न हाे ,
इसलिये बेटे मुस्कुरा के विदा लेते है। घर से दुरी सबकाे सताती है,लड़का हाे या 
लड़की माँ-बाप की याद सबकाे रूलाती है।
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mamtasingh9974

Mamta Singh

Bronze Star
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