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इनका बस चले तो , रौशनी तो क्या , सुई की नोक बराबर

इनका बस चले तो , रौशनी तो क्या ,
सुई की नोक बराबर छेद न छोड़े हमारे सांस लेने के लिए !!
क्या करें मजबूर हैं ये सब!!
छत से सूखने डाले कपड़े भी तो लाने होते हैं!!

©Binu Nehra
  # देहात #दास स्त्री#najoto
anilsaroha3933

Binu Nehra

New Creator

# देहात #दास स्त्रीnajoto #Life

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