रात के गहरे सन्नाटों में
खुद से ही बात करता हूँ,
हो के रह गयी मेरी तो तन्हाई भी तुम्हारी
बस यही बात हर रात करता हूं... #Shayari
WORD'Sकारवाँ
बरसो बाद ना जाने क्या समा होगा
हम दोनो में से ना जाने कौन कहा होगा,
फिर मिलना हुए तो मिलेंगे खब्बों में
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों में....
#yaadien#keepmuskurana