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abdullahkhan9837
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Abd

Nothing to impress but a lot of to express

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Abd

White 

क्या वो फिर ठीक था जिंदा दफनाया तुम्हें जाता था..!
साथ शौहर की मैय्यत के मरवाया तुम्हें जाता था..!!

मारे ग़ैरत के   दीवार में चुनवाया तुम्हे जाता था..!
पूत की चाह में कोख से गिरवाया तुम्हें जाता था..!!

कोम की कोम पढ़े इसीलिए पढ़वाया तुम्हें जाता था..!
बात इज़्ज़त पे ना आए यही समझाया तुम्हें जाता था..!!

तुमने आख़िर क्यों एक बाप को शर्मसार किया..!
क्यों भाई की इज़्ज़त को रुसवा सरे बाज़ार किया..!!

तुमने क्या ख़ूब अपनी कोम को अज़मत बख्शी..!
तुमने क्या ख़ूब दिन को ईमान को इज्ज़त बख्शी..!!

तुमने आइंदा की निस्वानियत को गिरफ्तार किया..!
सौ आफरी तुमपे की क्या ख़ूब ख़बरदार किया..!!

आवारापन में आज़ादी में क्या कोई फ़र्क नहीं..!
हिजाबों की ये रुसवाई क्या खुला नर्क नहीं..!!

इक सवाल तो हर एक फर्द से अब बनता है..!
भाई से बाप से हर एक मर्द से अब बनता है..!!

क्या हमने कभी खुद को पाक ज़हन जाना है..!
क्या दूसरे की बहन को बहन अपनी माना है..!!

©Abd #GoodMorning  status for sad

#GoodMorning status for sad #SAD

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Abd

White  

तिनका तिनका घर घरौंदा
टूटा चूल्हा बर्तन औंधा 

बालू में से कंकर बीना 
ईंधन बना पत्तों का झीना

फर्जी फर्जी दाल पकाई
बच्चों को जब तक नींद ना आई

लेकिन मां को भय था भोर का
था सवाल बस चंद कोर का

ब्याज ढले तो पो भी फटती 
तब जाके कहीं मूल से लड़ती 

कभी सीधी कभी उल्टी पड़ती
बार बार करवटे बदलती

झूठे सपनों में रोटी आई
लेकिन सच्ची नींद ना आई

भूख थी ज़्यादा पेट था ख़ाली 
मजबूरी में फिर बालू खाली

भीतर पूरा रेगिस्तान हो गया
जीवन ही वीरान हो गया

ना पत्थर थी ना लक्कड़ थी
अब चेतना बिल्कुल जड़ थी

बच्चों से वज्रपात सहे ना
काश कभी ये भोर भए ना

©Abd #sad_quotes #maa #chhutiyan #festivals
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Abd

White 

मुआवज़े से कोई मोमिता वापस तो नहीं आ सकती..।

इन कागज़ के टुकड़ों से इंसाफ तो नहीं पा सकती..।।


ना उसकी कम उम्र, ना कपड़े छोटे, ना वीरॉ सड़क..।

मज़हबी हस्तियां कोई वजह भी तो नहीं बता सकती..।।


कभी निर्भया कभी आसिफा लाशों का जारी सिलसिला..।

क्या एक गलती हमेशा के लिए सबक नहीं सिखा सकती..।।


मुआफियां, आज़ादियां दोषियों को मिलती बेबकियां..।

कोई भी सरकार अपनी गलती तो नहीं छिपा सकती..।।


हर एक रेप केस में  कॉमन फैक्टर है शराब..।

सिर्फ हवस आदमी को दरिंदा तो नहीं बना सकती..।।

©Abd
  #sad_shayari #momita
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Abd

White उधार की है ज़िंदगी 
जिंदगी उधार की

बात चंद हज़ार की
तलाश रोज़गार की
जीत के खुमार की
दुश्मनों के हार की

उधार की है ज़िंदगी 
जिंदगी उधार की

गिरते हुए वक़ार की
कर्ज़ से क़रार की
खुदी में कुछ सुधार की
तलब नई बहार की

उधार की है ज़िंदगी 
जिंदगी उधार की

जिल्लतों की मार की
जेब से बीमार की
जो जिंदगी शुमार की
बची है दो या चार की

उधार की है ज़िंदगी 
जिंदगी उधार की

©Abd
  #Sad_shayri  Kapil Nayyar

#Sad_shayri Kapil Nayyar #wishes

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Abd

White 

बंदर, भालू सब नाच रहे हैं जनता जैसे एक मदारी..!
छोड़ जगह सबको चौकाया इक भालू ने कल्टी मारी..!!

गुड चना सब उपहार में देते आजीवन रहते आभारी..!
अबकी बार भी पलटी मार पर पलटू ने ना पलटी मारी..!!

एम.पी., एम.पी. ढेर लगाया बोली लगने की है तैयारी..!
बहुत दिनों तक सूखा झेला फसल बिकेगी अबकी बारी..!!

ठोक ठोक कर माल खरीदे, मंझे मंझाये ये व्यापारी..!
भूल गए सब भूत की बातें इससे बैर था उससे यारी..!!

मुंह फूला फुला कर रुठ रहे हैं नहीं मिली जो भागेदारी..!
दौड दौड कर लूट रहे हैं अपनी अपनी हिस्सेदारी..!!

ये टेंडर और वो ठेका तय करली सब तय बाज़ारी..!
मौन तमाशा देख रही है भोली भाली जनता प्यारी..!!

अब टूटी की तब टूटी किसी ने गर इक फूक भी मारी..!
हिस्सा हिस्सा चिपकाया है सरकार बनी या फूलकुमारी..!!

हाथ आया पर मुंह ना खाया कच्ची पक्की है तरकारी..!
पकती खिचड़ी में पानी डाला किसने की है ये गद्दारी..!!

©Abd
  #election_2024 #resultelection2024 #modi #rahul #paltu #babu #janta #democracy
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Abd

आजकल वो मुहब्बत, मुहब्बत नही होती..! 
जिस मुहब्बत में कोई सियासत नही होती..!! 

हाय..!ज़मीर से अपने बगावत नही होती...!
अजी, छोडिये हमसे ऐसी मुहब्बत नही होती..!!

आजकल सियासत भी तो बिना नफ़रत नही होती..!
मज़हबी झगड़े कराये बिना, हुक़ुमत नही होती...!!

हाय..! हमसे तो ये फ़र्ज़ी अदावत नही होती..!
अजी, छोडिये हमसे ऐसी सियासत नही होती..!!

आजकल वो शराफ़त भी शराफ़त नही होती..!
जिस शराफ़त में दिखावे की आदत नही होती..!!

लाख चाहा मगर अपनी ऐसी फ़ितरत नही होती..!
अजी, छोडिये हमसे ऐसी शराफ़त नही होती..!! #आजकल

#colours #election #2024 election #election2024 #politics #speech #rahul #modi
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Abd

इक दौर मिरा भी आएगा, ये झूठ यूंही कह दूंगा..!
इतना तो सच ही है इक दिन मेरी भी लहर आयेगी..!!

इक सब्र के चाकू से रातें हज़ार काटूंगा....!
फल सब्र का यही होगा मीठी सी सहर आयेगी...!!

कुछ देर पांव जला पाया तो शामें हसीन देखूंगा...!
कड़ी धूप से भी क्या डरना पहर दो पहर आयेगी...!!

कागज़ की सख्त जमीं को मैं हर्फ हर्फ खोदूंगा..!
चश्मा गजलों का उबलेगा, लफ्ज़ों में गहर आयेगी..!! #lehar #mera dour #gazal #Independenceday #15august

#Sky #election2024 #TATAIPL #ipl #PM
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Abd

यहाँ कौन कितना अच्छा है..! 
ये बुरा वक़्त सब बताता है..!! 

किताब हर्गिज़ सिखा नहीं सकती..!
धोखा वो बात भी सिखाता है..!! 

टूट जाते हैं पहाडों से हौसले वाले..! 
वक्त कभी इस क़द्र भी सताता है..!!

गैर तो हालात पे हंस सकते हैं..!
अपना ही होता है जो रुलाता है..!!

कभी नीलाम होने लगे गर घर..! 
बोली पहले कोई अपना ही लगाता है..!!

©Abd
  #अपने #शायरी #नज़्म #election_2024  #pm #mp 

 Kapil Nayyar Sushika Musafir
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Abd

जितनी आला मिट्टी होगी उतना उम्दा बनेगा बर्तन...!
किसी कांसे को फ़िर कूज़ागर से शिकायत कैसी...!!

कांच के मुक़ददर में लिखी ही नहीं जब उम्र-ए-दराज़...! 
किसी आईने को फ़िर शीशागर से शिकायत कैसी...!! 

एक ही मत्ला है मगर गुल भी है और खार भी...! 
अहले महफ़िल को फ़िर लफ़्ज़गर से शिकायत कैसी...!!

वक़्त का जब वार पड़ेगा सब का सब खंडर हो जायेगा...! 
दीवार-ओ-दर को फ़िर कारिगर से शिकायत कैसी...!!

©Abd
  #Friend #shikayat #yaaden #election #unity
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Abd

अपनी ला इल्मी से तो लड़ नहीं सकता..!
ऐसा जाहिल भला जिहाद क्या करेगा..!!

जिसके मां बाप खुद उससे बदज़न हों..!
वो अपने पड़ोसी का मफाद क्या करेगा..!!

खुद कट रहा हो जो ब्याज की तेज़ बरछी से..!
वो मुफलिस किसी और से फसाद क्या करेगा..!!

लाखों कमा के भी जो मुतमईन नहीं कमाई से..!
ऐसा बखील खैरात-ओ-जक़ात क्या करेगा..!!

ज़कात दबा गए हो तो कहत की मार भी झेलो..!
मजलूमों के अश्क बहे तो वो बरसात क्या करेगा..!!

पहले खुद नहीं पिया, बिन पानी के जां दे दी...!
ये तारीख भुला के कोई इकराम की बात क्या करेगा..!

©Abd
  #Muflis

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