नाम की दोस्ती...
काम की यारी....
तुम क्या जानो मेरे दोस्त....
दूसरों की तरह....
आदत नहीं हमारी... #शायरी
Ashish Kumar Chaudhari
अब तो गले लगा लो किसी को मंज़िल समझकर....
क्यूंकि अब ये रास्ते अपना वजूद खो रहे हैं... #शायरी
Ashish Kumar Chaudhari
कुछ कहानियां बिल्कुल ऐसे ही होती हैं....
बेवजह और बेकार सी.....
#chaadar#शायरी
Ashish Kumar Chaudhari
कुछ तो उधार बाकी है....
आपका मुझ पर....
वरना यूँ ही नहीं जुड़ते....
शब्दों के धागे आपसे...
#आशीष##
SunSet
Ashish Kumar Chaudhari
ज़िन्दगी में कुछ लोग सुबह की पहली चाय की तरह होते हैं...
जो मिलते ही एक उम्मीद सी दे देते हैं...
भाई तू ये कर जाएगा...
दोस्त तू ये कर सकता है...
@@आशीष@@
#Tea