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#L♥️ve #SAD #Heart #Broken💔Heart #Shayar #ghazal #viral

L♥️ve #SAD #Heart Broken💔Heart #Shayar #ghazal #viral

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ऐ दिले नादान अब तो तू धड़कना छोड़ दे,
उसने रो कर कह दिया है मेरा रस्ता छोड़ दे।।

اے دلِ  نادان اب تو تو دھڑکنا چھوڑ دے 
اسنے روکر کہ دیا ہے میرا رستہ چھوڑ دے

©कातिब ऐ दिले नादान अब तो तू धड़कना छोड़ दे,
उसने रो कर कह दिया है मेरा रस्ता छोड़ दे।।

اے دلِ  نادان اب تو تو دھڑکنا چھوڑ دے 
اسنے روکر کہ دیا ہے میرا رستہ چھوڑ دے

मैंने उस लड़की से बस इतना ही चाहा था कि वो,
साथ मेरे जब रहे तो हाथ ग़म का छोड़ दे।।

ऐ दिले नादान अब तो तू धड़कना छोड़ दे, उसने रो कर कह दिया है मेरा रस्ता छोड़ दे।। اے دلِ نادان اب تو تو دھڑکنا چھوڑ دے اسنے روکر کہ دیا ہے میرا رستہ چھوڑ دے मैंने उस लड़की से बस इतना ही चाहा था कि वो, साथ मेरे जब रहे तो हाथ ग़म का छोड़ दे।। #Hopeless

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हम तो फिर भी जी लेंगे इन हालातों में,शायर है,
तुम सोचो,कैसे दिन गुजरेंगे इस क्वारंटाइन में।।
- कातिब

पूरी ग़ज़ल कैप्शन में MONIKA SINGH soulful speech Ritika suryavanshi pooja negi# Sumit Gupta 

तुमसे फ़ोन पर बातें कर लेंगे इस क्वारंटाइन में,
पर तुमसे मिलने नइ आएंगे इस क्वारंटाइन में।।

हम तो फिर भी जी लेंगे इन हालातों में,शायर है,
तुम सोचो,कैसे दिन गुजरेंगे इस क्वारंटाइन में।।

MONIKA SINGH soulful speech Ritika suryavanshi pooja negi# Sumit Gupta तुमसे फ़ोन पर बातें कर लेंगे इस क्वारंटाइन में, पर तुमसे मिलने नइ आएंगे इस क्वारंटाइन में।। हम तो फिर भी जी लेंगे इन हालातों में,शायर है, तुम सोचो,कैसे दिन गुजरेंगे इस क्वारंटाइन में।।

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ये मुमकिन है,तेरी जुल्फे गर जो खुली रहती हैं,
इस शहर ए दिल में इश्क़ का तूफां उठ जाना है इक दिन।
-कातिब ये मुमकिन है,तेरी जुल्फे गर जो खुली रहती हैं,
इस शहर ए दिल में इश्क़ का तूफां उठ जाना है इक दिन।
- कातिब soulful speech Sumit Gupta Ritika suryavanshi Suman Zaniyan tr.soumya chaudhary (madhubala)

ये मुमकिन है,तेरी जुल्फे गर जो खुली रहती हैं, इस शहर ए दिल में इश्क़ का तूफां उठ जाना है इक दिन। - कातिब soulful speech Sumit Gupta Ritika suryavanshi Suman Zaniyan tr.soumya chaudhary (madhubala)

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दिल जंगल में आग लगी है,इक चेहरा जलता जा रहा,
गम के बादल हैं छाए बस अब्र बरसना बाकी है।।
-क़ातिब

पूरी ग़ज़ल कैप्शन में पढ़े,ज़िया मज़कूर की ज़मीन पर कही ये मेरी ग़ज़ल उसकी आँखों में अब तक जो कुछ भी मेरा बाकी है,
रफ्ता रफ्ता ही लेकिन उन सबका मरना बाकी है।।

प्यार मुहब्बत कसमे वादे करके सारे देख लिए,
अब लगता है इस दरिया के पार भी दुनिया बाकी है।।

सब ताबीजे पहनके देखी सब तदबीरें कर डाली,
शायद उस लड़की का दुआ में हाथ उठाना बाकी है।।

उसकी आँखों में अब तक जो कुछ भी मेरा बाकी है, रफ्ता रफ्ता ही लेकिन उन सबका मरना बाकी है।। प्यार मुहब्बत कसमे वादे करके सारे देख लिए, अब लगता है इस दरिया के पार भी दुनिया बाकी है।। सब ताबीजे पहनके देखी सब तदबीरें कर डाली, शायद उस लड़की का दुआ में हाथ उठाना बाकी है।। #शायरी

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मैं मुहब्बत फिर से कर तो लूँ मगर,
ये तमाशा हमसे अब होगा नहीं।।
-क़ातिब पूरी ग़ज़ल

ये भँवर है आपकी दुनिया नही
इस पते पर अब कोई रहता नहीं।।

एक ही गम एक ही तकलीफ है,
जो कभी मेरा था,अब मेरा नहीं।।

पूरी ग़ज़ल ये भँवर है आपकी दुनिया नही इस पते पर अब कोई रहता नहीं।। एक ही गम एक ही तकलीफ है, जो कभी मेरा था,अब मेरा नहीं।। #शायरी

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अपनी इक,
तस्वीर पुरानी,
जेब में लिए चलते हैं।
इस उम्मीद में के,
किसी मोड़ पर,
किसी से पूछूँ,
तो वो देखकर बता दे ,
मेरे बचपन का पता,
जो सदियों पहले,
मुझसे बिछड़ गया था,
किसी ने तो देखा होगा ,
मेरे बचपन को।
किसी गली,
किसी घर,
किसी कमरे में ,
न जाने कैसा होगा,
मेरा बचपन,
- क़ातिब अपनी इक
तस्वीर पुरानी,
जेब में लिए चलते हैं।
इस उम्मीद में के,
किसी मोड़ पर,
किसी से पूछूँ,
तो वो देखकर बता दे ,
मेरे बचपन का पता,

अपनी इक तस्वीर पुरानी, जेब में लिए चलते हैं। इस उम्मीद में के, किसी मोड़ पर, किसी से पूछूँ, तो वो देखकर बता दे , मेरे बचपन का पता, #कविता

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ख्वाहिश है,
किसी रोज़,
तुम सामने बैठो।
मेरे हाथों में,
एक कॉपी हो,
एक कलम हो,
बिना स्याही के।
मैं तुम्हारी,
आँखों के,
काजल में,
कलम की,
निब डुबोऊ और,
उसे जब,
पन्नों पर बिखेरु,
ग़ज़ल हो जाए।।
तुम्हारे सुर्ख लबों से,
टकराकर,
जब निब,
पन्नों को छु जाए,
तखल्लुस हो जाए,
'क़ातिब' हो जाए। soulful speech Ritika suryavanshi pooja negi# Suman Zaniyan Ashish Rana@....

soulful speech Ritika suryavanshi pooja negi# Suman Zaniyan Ashish Rana@.... #poem

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एक सिगरेट दो जला कर मुझको तुम,
 यादों से अब धुंध छटती जा रही। ग़ज़ल जल्द ही पोस्ट करूँगा,शेर अच्छा लगा तो comment में बताए soulful speech Ashish Rana@.... Faraz Khan rohit singh Sahil Rathore

ग़ज़ल जल्द ही पोस्ट करूँगा,शेर अच्छा लगा तो comment में बताए soulful speech Ashish Rana@.... Faraz Khan rohit singh Sahil Rathore #शायरी

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उसका चेहरा सामने से क्यों न छटता दोस्तों,
क्या किसी भी बेवफा को भूलना मुमकिन नहीं।।

पूरी ग़ज़ल caption में पढ़े इक ग़ज़ल ऐसी के जिसमे क़ाफ़िया मुमकिन नहीं,
जीना होता जैसे साँसों के बिना मुमकिन नहीं।।

कैसे समझाए भला हम इस दिले नादाँ को,
इश्क़ इक ही बेवफा से बारहा मुमकिन नहीं।।

है दवा क्या इस मरज़ की कुछ बता दे मुझको तू,
जीना मर मर के मिरा अब ऐ खुदा मुमकिन नहीं।।

इक ग़ज़ल ऐसी के जिसमे क़ाफ़िया मुमकिन नहीं, जीना होता जैसे साँसों के बिना मुमकिन नहीं।। कैसे समझाए भला हम इस दिले नादाँ को, इश्क़ इक ही बेवफा से बारहा मुमकिन नहीं।। है दवा क्या इस मरज़ की कुछ बता दे मुझको तू, जीना मर मर के मिरा अब ऐ खुदा मुमकिन नहीं।।

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