साहित्य ही मेरा जीवन है और मैं साहित्य से कभी अलग नहीं हो सकता हूं क्योंकि साहित्य ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम अपनी भावनाओं को प्रकट करके आत्म शांति को प्राप्त करते हैं और प्रकट करने के साथ ही हमारे साथ बैठा हुआ दूसरा व्यक्ति भी उसको समझता है और उसके अंदर भी एक अद्भुत भावना उत्पन्न होती है
Apurva Tiwari Raghuvansh
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