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hunnyhunny4705
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RAVI PARIHAR

पहचानोगे तभी तो जानोगे। instagram-- @rv_lafzz

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RAVI PARIHAR

White 
शब्दों की सुरमई ताल है हिन्दी 
अभिव्यक्ति की निशान है हिन्दी 
कवियों का आभूषण है हिन्दी 
मन की  तृप्तता हैं हिन्दी 
संविधान का नाज़ है हिन्दी 
संस्कृत का पर्याय हैं हिंदी 
भाषा की मधुरता है हिन्दी 
माँ शारदे का ओजस हैं  हिंदी 
कबीर ,दिनकर ,प्रेमचन्द का सम्मान हैं हिन्दी 
महज भाषा नहीं आन बान शान हैं हिन्दी 
संस्कृति की बखान हैं हिंदी 
एक भारत कि श्रेष्ठ पहचान हैं हिन्दी 
व्याकरण की मल्हार है हिंदी 
हृदय  में  विचरती सरलतम धार है हिंदी 
शब्दों के युद्ध की तलवार हैं हिंदी 
कलम  का माधुर्य  है हिंदी 
विचारों की शुद्धता है  हिन्दी 
अंधियारे का उजाला है हिन्दी 
शब्दों का अथाह सागर है हिन्दी 
अधिग़म का  सरलतम संगम हैं  हिन्दी...
प्रेम का विहंगम  दृश्य है हिंदी...
लता किशोर की सुरमई ताल है हिन्दी..
और..
हिन्दुस्तान का  सरताज हैं हिंदी...

©RAVI PARIHAR
  #GoodMorning  love poetry in english metaphysical poetry sad urdu poetry hindi poetry poetry for kids

#GoodMorning love poetry in english metaphysical poetry sad urdu poetry hindi poetry poetry for kids #Poetry

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RAVI PARIHAR

शिक्षक है हम  संस्कार सीख सीखते हैं...
कोरे दीपक की लौ में ज्ञान दीप जगाते  हैं. 
अटके भूले भटके को सही राह दिखाते हैं..
*शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है..*

कठोर, सरल,  मृदू ,कटु  सब रंग अपनाते हैं..
राहों के काँटे हटा नया पथ सुझाते है।
मन मस्तिष्क के अंधियारों को दूर हम भगाते है. 
*शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है..*

खेल खेल में शिक्षा का जो पाठ हम पढ़ाते हैं..
तुम जो पढ़ लो दो अक्षर  ऐसा मानुष बनाते हैं..
धर्म जात से ऊपर मानवता को सीखते हैं. 
एक थाली में खाओ ,ऐसा जीवन दर्शाते हैं..
*शिक्षक है हम नित नयी ज्योत जगाते है..*

तुम्हारी ऊचाई देख खुश हम हो जाते हैं...
यहीं शिष्य है हमारा इशारे कर सबको बतलाते है. 
समता समरसता सीखा ,भेदभाव मिटाते हैं. 
ना बाट इन रंगों में , राष्ट्र धर्म हम निभाते हैं...
महक उठें ये जीवन ऐसी खुशबु फैलाते है.
ख़ुद  मुरझा जाये ग़र नित एक बीज उगाते है..
*शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है...*


हज़ारों नादानीयो को तुम्हारी दर किनार कर जाते हैं. 
इसी उम्र से हम भी गुज़रे है,  यहीं सोच मुस्काते है. 
ना कोई अच्छा ना बुरा सभी हालातों के मारे है.
ना रखना कोई रंजिश, ये दिन फ़िर कभी नहीं आते हैं.
*शिक्षक हैं हम नित नई ज्योत जगाते है.* 

थाम लो दामन किताबों का यहीं सीख सिखाते हैं. 
कभी अच्छे कभी बुरे बन तुम्हारे आस पास मंडराते है 
एक नाव में रहकर तुमको किनारे पहुँचाते हैं..
नाविक रहता एक हमेशा मुसाफिर तो आते जाते है 
*शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है.* 

दोस्त, अभिभावक भाई सभी हम बन जाते हैं 
तुम जो रहो खुश  सदा ये आशीष दिल से देते हैं..
*शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है...*

*रवि परिहार*
अध्यापक
महात्मा गांधी विद्यालय  ख़ुडाला फालना

©RAVI PARIHAR
  #Dark  Sushant Singh Rajput Kartik Aaryan hindi poetry metaphysical poetry Aaj Ka Panchang

#Dark Sushant Singh Rajput Kartik Aaryan hindi poetry metaphysical poetry Aaj Ka Panchang #Poetry

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RAVI PARIHAR

शिक्षक है हम  संस्कार सीख सीखते हैं...
कोरे दीपक की लौ में ज्ञान दीप जगाते  हैं. 
अटके भूले भटके को सही राह दिखाते हैं..
शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है.. 

कठोर, सरल,  मृदू ,कटु  सब रंग अपनाते हैं..
राहों के काँटे हटा नया पथ सुझाते है।
मन मस्तिष्क के अंधियारों को दूर हम भगाते है. 
शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है.. 

खेल खेल में शिक्षा का जो पाठ हम पढ़ाते हैं..
तुम जो पढ़ लो दो अक्षर  ऐसा मानुष बनाते हैं..
धर्म जात से ऊपर मानवता को सीखते हैं. 
एक थाली में खाओ ,ऐसा जीवन दर्शाते हैं..
शिक्षक है हम नित नयी ज्योत जगाते है.. 

तुम्हारी ऊचाई देख खुश हम हो जाते हैं...
यहीं शिष्य है हमारा इशारे कर सबको बतलाते है. 
समता समरसता सीखा ,भेदभाव मिटाते हैं. 
ना बाट इन रंगों में , राष्ट्र धर्म हम निभाते हैं...
महक उठें ये जीवन ऐसी खुशबु फैलाते है.
ख़ुद  मुरझा जाये ग़र नित एक बीज उगाते है..
शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है...


हज़ारों नादानीयो को तुम्हारी दर किनार कर जाते हैं. 
इसी उम्र से हम भी गुज़रे है,  यहीं सोच मुस्काते है. 
ना कोई अच्छा ना बुरा सभी हालातों के मारे है.
ना रखना कोई रंजिश, ये दिन फ़िर कभी नहीं आते हैं.
शिक्षक हैं हम नित नई ज्योत जगाते है. 

थाम लो दामन किताबों का यहीं सीख सिखाते हैं. 
कभी अच्छे कभी बुरे बन तुम्हारे आस पास मंडराते है 
एक नाव में रहकर तुमको किनारे पहुँचाते हैं..
नाविक रहता एक हमेशा मुसाफिर तो आते जाते है 
शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है. 

दोस्त, अभिभावक भाई सभी हम बन जाते हैं 
तुम जो रहो खुश  सदा ये आशीष दिल से देते हैं..
शिक्षक हैं हम नित नयी ज्योत जगाते है... 

रवि परिहार अध्यापक 
महात्मा गांधी विद्यालय  ख़ुडाला फालना

©RAVI PARIHAR
  #Dark      most romantic  in hindi for boyfriend

#Dark most romantic in hindi for boyfriend #Motivational

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RAVI PARIHAR

White कुछ लिखू  ऐसा जो उसको भा जाये...
मेरी हर नज़्म में  ज़िक्र उसका आ जाये... 

मैं लिखूं  दिल और उसे इश्क़ हों  जाये..
मेरे ज़ज्बात को मेरी आँखों से समझ जाये.. 

थामू जो दामन वो दूसरा भी थमा जाये..
मैं लिखूं मुस्कान और वो मुस्करा जाये.. 

ऐसा कुछ लिखू की लिखते ही नज्म बन जाये..
मैं कहूँ बारिश और वो फ़ूलों से भर जाए.. 

मैं देखूँ चाँद तो दीदार उसका हों जाये...
मैं लिखूं ख्वाब और वो हक़ीक़त हों जाए.. 

मैं चाहूँ सुकून  और जेहन उसका आये 
मैं उठाऊं कलम और  ग़ज़ल बन जाये

©RAVI PARIHAR
  #Thinking
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RAVI PARIHAR

White तेरी मुस्कान से ही सुधर जाती हैं तबीयत मेरी...
बताओं ना तुम इश्क़ करते हों या इलाज.... 

तुझे देख कर मोहब्बत समझ आती हैं...
तुम टुकड़ा हो चाँद का या हों आफताब..

©RAVI PARIHAR
  #love_qoutes
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RAVI PARIHAR

मेरी कलम  ✍🏻✍🏻🙏🏻🙏🏻
*(रवि परिहार)*

*ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है...*✍🏻

शायद वो हमारी ऊंचाई छूने से डरता है...
बेशक वो बातें बराबरी की करता हैं...
ग़र बराबर बैठेने  पर उसे अखरता है..

*ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है...*✍🏻

हिंदुत्व कि बातें कर एकता को कहता है...
और एक हो जाये तो फ़िर दूरियाँ बढ़ाता है...
बैठ ऊँचे पायदान जाति धर्म बतलाता है...
जाति तोड़नी नहीं और धर्म का ज्ञान सीखता है 

*ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है..*✍🏻

अपने हित में वो सबको एक बतलाता हैं..
जब हम एक हो तो हीन भाव दिखाता है...
अखंडता की बात कर ख़ुद शासित होना चाहता है..
छोटे बड़े का भेद कर बार बार रौब दिखाता है. 

*ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है*✍🏻

भेदभाव कर वो रोड़े बनता जाता हैं...
अपना बन  छुप -छुपकर भेद दिखाता है..
जाति- जाति कर पानी भी अलग बताता है..
एक टांके के दो भाग कर पानी पीता है..

*ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता है...*✍🏻

 छीनकर जायदाद अपना अंश बढ़ाता है...
औरो के लहू से गेहूं वो उगाता है...
बैठ अलग वो हिंदू हिंदू चिल्लाता है..
दलित की बात प़र मुह मोड़ जाता हैं...

*ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता जाता हैं...*✍🏻
*ना जाने क्यूँ एक वर्ग हमसे जलता जाता हैं...*✍🏻

रवि परिहार ✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻

©RAVI PARIHAR
  #Dark
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RAVI PARIHAR

White घूम कर आये सारा जहाँ , ना कोई कभी ऐसा दिखां है...
वतन एक ही हैं जन्नत जैसा ,नाम उसका हिन्दोस्तां हैं...

©RAVI PARIHAR
  #Indian_flag
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RAVI PARIHAR

White In english we said...

(Don't believe everyone untill you know..)
but in
 उर्दू .......



दुनियाँ की हर वफ़ादारी का किस्सा याद रखना चाहिए...
कानो में भरे हुये विष को उतारना भी आना चाहिए...!!

कुछ सलीके अदब के हमेशा अपने जेहन में रखें...
ध्यान कहीं पर भी हो जब गिरो तो संभलना 
आना चाहिए....!!

©RAVI PARIHAR
  #Sad_Status
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RAVI PARIHAR

White कि कभी हम ख़ुशी को ग़म, ग़म को ख़ुशी लिख जाते हैं। 
कुछ स्याही और बचे तो गुज़री जिंदगानी लिख जाते हैं... 

कि जिसे तुम शायरी समझ पढ़ लेते हो कभी कबार...
इन्हीं इशारों से हम अपनी  कहानी लिख जाते हैं...
.
.
.

©RAVI PARIHAR
  #love_shayari
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RAVI PARIHAR

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