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ashishgupta9317
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ashish gupta

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ashish gupta

Year end 2023 मिली है एक जिंदगी हमको
इसे यूं ना गवाना है
कर हौसला बुलंद जमाने को
कुछ कर के दिखाना है

©ashish gupta
  #YearEnd 
मिली है एक जिंदगी हमको
इसे यूं ना गवाना है
कर हौसला बुलंद जमाने को
कुछ कर के दिखाना है

#YearEnd मिली है एक जिंदगी हमको इसे यूं ना गवाना है कर हौसला बुलंद जमाने को कुछ कर के दिखाना है #2023Recap

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ashish gupta

जो नहीं मिला उसे जिद ना कर पाने की
ए दिल अब मान भी जा
हसरत ना कर उसे जिंदगी में वापस लाने की
अपनी मर्जी से छोड़ गई वो मुझे
बेवजह कोशिश न कर लकीरो से टकराने की

©ashish gupta
  #CrescentMoon 
जो नहीं मिला उसे जिद ना कर पाने की
ए दिल अब मान भी जा
हसरत ना कर उसे जिंदगी में वापस लाने की
अपनी मर्जी से छोड़ गई वो मुझे
बेवजह कोशिश न कर लकीरो से टकराने की

#CrescentMoon जो नहीं मिला उसे जिद ना कर पाने की ए दिल अब मान भी जा हसरत ना कर उसे जिंदगी में वापस लाने की अपनी मर्जी से छोड़ गई वो मुझे बेवजह कोशिश न कर लकीरो से टकराने की

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ashish gupta

वक्त नहीं है यह कह कर उसने
बेरहमी से उसने मुझे ऐसे नकारा
तोड़ गई सारे बंधन
जो उसे था प्यारा

नई फूलों की खुशबू
खींच ले गई अपने संग
मैं ढूंढते रहा अपनी गलती
होकर उसके यादों में गमगीन

©ashish gupta
  #dhoop 

वक्त नहीं है यह कह कर उसने
बेरहमी से उसने मुझे ऐसे नकारा
तोड़ गई सारे बंधन
जो उसे था प्यारा

नई फूलों की खुशबू

#dhoop वक्त नहीं है यह कह कर उसने बेरहमी से उसने मुझे ऐसे नकारा तोड़ गई सारे बंधन जो उसे था प्यारा नई फूलों की खुशबू #Poetry

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ashish gupta

लव पर सजा कर जरा सी हंसी
तेरे नाम कर दी हमने सारी खुशी
तू माने न माने मगर है सच यही
जिंदगी तेरे लिए, हमने किया ही क्या है

जेठ की दुपहरी में तुझे छाव दिया
सावन की बाढ़ से पहले तुझे नाव दिया 
पौष की रातों में हाथो में अपने सुरज लिए रहे खड़े
तू माने न माने है सच यही
जिंदगी तेरे लिए किया ही क्या है
लव पर सजा कर जरा सी हसीं
तेरे नाम कर दी सारी खुशी

तुम्हारे होठों पर बनी रहे बसंती पूर्वाही
तू रहे लहराती सदा ये कसम उठाई
हमने सारा जीवन भूल कर सारी जिंदगी तुझ को सींचा
ठोकर खाकर हमने तेरी मुस्कान है बचाई
तू माने न माने पर ये है सच्चाई

©ashish gupta
  लव पर सजा कर जरा सी हंसी
तेरे नाम कर दी हमने सारी खुशी
तू माने न माने मगर है सच यही
जिंदगी तेरे लिए, हमने किया ही क्या है

जेठ की दुपहरी में तुझे छाव दिया
सावन की बाढ़ से पहले तुझे नाव दिया 
पौष की रातों में हाथो में अपने सुरज लिए रहे खड़े

लव पर सजा कर जरा सी हंसी तेरे नाम कर दी हमने सारी खुशी तू माने न माने मगर है सच यही जिंदगी तेरे लिए, हमने किया ही क्या है जेठ की दुपहरी में तुझे छाव दिया सावन की बाढ़ से पहले तुझे नाव दिया पौष की रातों में हाथो में अपने सुरज लिए रहे खड़े #Poetry

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ashish gupta

 यू ही कभी बैठे-बैठे
खुद से ही खुद मन रूठ जाता है
कभी उदास हो जाता है 
कभी ऊब जाता है मन
कल तक जो थे सबसे प्यारे
उनसे ही दूर चला जाता है मन
यू ही ऐसे ही रूठ जाता है मन
यू तो चंचल बंदर है मन
फिर भी न जाने क्यों मन
चहता सदा अमन अमन

©ashish gupta
  #RIPHUMANITY 
 यू ही कभी बैठे-बैठे
खुद से ही खुद मन रूठ जाता है
कभी उदास हो जाता है 
कभी ऊब जाता है मन
कल तक जो थे सबसे प्यारे
उनसे ही दूर चला जाता है मन
यू ही ऐसे ही रूठ जाता है मन

#RIPHUMANITY यू ही कभी बैठे-बैठे खुद से ही खुद मन रूठ जाता है कभी उदास हो जाता है कभी ऊब जाता है मन कल तक जो थे सबसे प्यारे उनसे ही दूर चला जाता है मन यू ही ऐसे ही रूठ जाता है मन

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ashish gupta

यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल कड़ी मेहनत करनी पड़ती है
परिंदो को उड़ान भरनी पड़ती है धरती से आसमान तक

©ashish gupta
  #samay 

यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल कड़ी मेहनत करनी पड़ती है
परिंदो को उड़ान भरनी पड़ती है धरती से आसमान तक

#samay यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल कड़ी मेहनत करनी पड़ती है परिंदो को उड़ान भरनी पड़ती है धरती से आसमान तक #Motivational

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ashish gupta

कल्पना की किताब पर
हालातो की सियाही से
कभी ज्यादा कभी कम
हम लिखते रहते है

फर्क नही पड़ता किसी को
पर न जाने क्यों हम 
लिखते रहते है

©ashish gupta
  कल्पना की किताब पर
हालातो की सियाही से
कभी ज्यादा कभी कम
हम लिखते रहते है

फर्क नही पड़ता किसी को
पर न जाने क्यों हम 
लिखते रहते है

कल्पना की किताब पर हालातो की सियाही से कभी ज्यादा कभी कम हम लिखते रहते है फर्क नही पड़ता किसी को पर न जाने क्यों हम लिखते रहते है #Shayari

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ashish gupta

खेलो और खूब खेलो
आखरी  रन तक खेलो
जीत कर world cup
postion number 1 
की लेलो

©ashish gupta
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ashish gupta

देर से न आना ए खुशी बंजर में बरसात बन कर
आना तो ए ठहराव ,मेरी लेखनी में ए दवात बनकर

मेरी किस्मत मुझपर कुछ इस कदर मेहरबान बन जाए
मेरी जिंदगी मिल जाए कही मुलाकात बन कर

©ashish gupta
  देर से न आना ए खुशी बंजर में बरसात बन कर
आना तो ए ठहराव ,मेरी लेखनी में ए दवात बनकर

मेरी किस्मत मुझपर कुछ इस कदर मेहरबान बन जाए
मेरी जिंदगी मिल जाए कही मुलाकात बन कर

देर से न आना ए खुशी बंजर में बरसात बन कर आना तो ए ठहराव ,मेरी लेखनी में ए दवात बनकर मेरी किस्मत मुझपर कुछ इस कदर मेहरबान बन जाए मेरी जिंदगी मिल जाए कही मुलाकात बन कर #Shayari

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ashish gupta

सबके हिस्से में नही आता, ये सुरूर मोहब्बत का
ये एकतरफा इश्क मेरा ही कुसूर था मोहब्बत का

हमने कभी सोचा न था हम भी याद किए जायेगे
उसने मुंह फेर लिया उतर गया ये सुरूर मोहब्बत का

©ashish gupta
  #tootadil 

सबके हिस्से में नही आता, ये सुरूर मोहब्बत का
ये एकतरफा इश्क मेरा ही कुसूर था मोहब्बत का

हमने कभी सोचा न था हम भी याद किए जायेगे
उसने मुंह फेर लिया उतर गया ये सुरूर मोहब्बत का

#tootadil सबके हिस्से में नही आता, ये सुरूर मोहब्बत का ये एकतरफा इश्क मेरा ही कुसूर था मोहब्बत का हमने कभी सोचा न था हम भी याद किए जायेगे उसने मुंह फेर लिया उतर गया ये सुरूर मोहब्बत का

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