कभी कभी मन करता है लिखूं या छोड़ दूं
यही शायरियां , कविताएं ,ये कहानियां,
फिर सोचती हूं क्या सही है तम्मनाओं को दफन करना
दिल के किसी कोने में
कभी कभी सोचती हूं की ना लिखूं , छोड़ दूं अपनी
कविताओं के जरिए निशाना साधना अपने देश के लिए ,
,अपने गांव के लिए ,प्रेमी प्रमिकाओं के लिए #nojoto❤#मजदूर✊