،ना पढ़ी तवज्जो मुझपे जालिम तेरी एक बार
सोचता हु लौट जाऊं वापस फिर उसी जिंदगी के पास
जहां ना तू थी,ना तेरा इश्क था,
बस ज़िंदगी थी और सुकून था मेरे पास,
#लव
( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
#Shiva तसल्ली रख अब तू क्यों बेगुन्हा के दिल को सता रहा है #विचार