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BS NEGI

जीवन मे आये तूफानो को बस कागज़ पर लिख देता हूँ।

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BS NEGI

White मृत्यु 

पिता जब गए, तो निशब्द थे।
 माता गई तो स्तब्ध।
लगा अनाथ हो गया अब,
उजड़ गया संसार सब।
पिता के जाने पर समझ नहीं आया।
 ना समझ थे दुनियादारी से, 
लगा किसी ने तमाचा मारा मुँह पर भारी।
मृत्यु अटल है, पता था आएगी एक दिन, 
इतनी जल्दी आ आयेगी ये नहीं पता था।

©BS NEGI मृत्यु

मृत्यु #कविता

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BS NEGI

Uttrakhand Beauty

Uttrakhand Beauty #वीडियो

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BS NEGI

White अकेले ही सफ़र करना पड़ता हैं इस जहां में कामयाबी के लिए...
क्योंकि
काफिला, दोस्त और दुश्मन, यह सब अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..

Happy Deepawali

©BS NEGI happy deepawali
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BS NEGI

White ज़िंदगी में सोचा ना था,
 कि ऐसे भी फ़साने होंगे।
दर्द में होकर भी आंसू छुपाने होंगे।
बचपन ही बेहतर था,
 खुलकर तो रो लिया करते थे।
अब तो रोने के लिये भी बहाने होंगे।

©BS NEGI आंसू

आंसू #शायरी

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BS NEGI

White आंसू भी एक परेशानी है,
खुशी और गम दोनों की निशानी है,
समझने वाले के लिये अनमोल
और ना समझने वाले के लिए पानी है।

©BS NEGI
  आंसू

आंसू #शायरी

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BS NEGI

White आज परछाई से पूछ ही लिया,
क्यों चलती हो , मेरे सा
उसने भी हँसके कहा-
दूसरा कौन है तेरे साथ

 *राधे राधे*

©BS NEGI
  Parchhai
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BS NEGI

White शब्दों की छटपटाहट कुछ कहने से ज्यादा 
कुछ व्यक्त करने की होती है...
 लोग सुन तो लेते हैं लेकिन
 अभिव्यक्ति कुछ गिने चुने लोगों तक ही
 पहुंचती है।

©BS NEGI
  abhivyakti

abhivyakti #विचार

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BS NEGI

White समय कहां ठहरता है!
सुख कभी विश्राम कर लेता है,
दुःख थोड़ा आराम,
किन्तु समय कहां ठहरता है,
अपनी धुरी पर चलकर 
किसे के कहां ले जाता है,
समय कहां ठहरता है!

©BS NEGI
  #emotional_sad_shayarसमय कहां ठहरता है i

#emotional_sad_shayarसमय कहां ठहरता है i #कविता

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BS NEGI

White इम्तिहान मेरे सब्र का 
वो बेइंतहा तक ले गए, 
गुजारिशे जितनी करें उनसे मिलने की,
शिला में बस इंतजार मिलता है,
उनसे न करें कभी वफा की उम्मीद,
वफा की कीमत वो हमसे वसूल लेंगे,
डूबते है हर बार वफा की खातिर,
कि बदल चुकी होगी 
अब वो मुद्द्ते तस्वीर,
इम्तिहान मेरे सब्र का 
वो बेइंतहा तक ले गए,

©BS NEGI इम्तिहान

इम्तिहान #शायरी

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BS NEGI

अनजान प्रदेश में, निर्जन पथ पर,
सुनशान राह में, बैठी शिला पर।
जाऊं किस राह, हैं कश्मकश में,
जो छूट गई मंजिले, उनका गम न कर।
निराश न मन को कर,
उठ नई इबारत लिखने को।
 उन्हें भूल नई पाने को,

©BS NEGI नई इबारत

नई इबारत #कविता

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