Nojoto: Largest Storytelling Platform
jaigupta6696
  • 100Stories
  • 330Followers
  • 988Love
    4.6KViews

जय

कुछ ख्यालातों से मिलना तेरा बाकी है अभी बिखरे पन्नो में भी मेरी इक कहानी है अभी।।✍️✍️ शायरी से मुहब्बत और ग़ज़ल में प्रेम है मेरा✍️ @jai_gupta_rocks follow me on insta frnzz

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय

White कविता ~~

कितना अंतर सा प्रतीत होता है ना 
उनके पूछने और मेरे जवाब देने में 

जब कभी मैंने उनसे बातें की 
मेरे सवालों में ज़िक्र सिर्फ़ उनका रहा ...

मगर जब उन्होंने हमसे बातें की 
उनके सवालों में ज़िक्र मेरे सिवा सबका रहा…

मोहब्बत का ये आयाम भी कितना अजीब है
उनका होना भी ज़रूरी और उनके सवालों 
में ख़ुद को सही साबित करना भी ज़रूरी ।।

(जय शाइर)

©जय 
  #GoodMorning
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय




कविता - पितृत्व प्रेम

घर से दूर रहकर जब जब  मैने पिता से बातें की...

हमेशा एक ही सवाल 
कैसी चल रही है नौकरी?
नौकरी के होते हुए भी 
उनका हमेशा पूछ लेना

बेटा!!

पैसे तो नहीं चाहिए तुम्हें..

घर से वापसी पर बिन कहे 
जेब में पैसे का रख देना

और घर के हाल पूछने पर खुशी से 
झूमते हुए कह देना...सब बढ़िया है... 

बेटा!! 

तुम खुद का ख्याल रखना 
तुम्हारी चिंता में माँ कई दफा रो देती है

अपनी आंखों के आसूं माँ की झोली में डाल 
किस तरह पिता अपने पिता होने का निःस्वार्थ 
प्रेम परोस देते हैं

सच ......

पिता होने के लिए पिता जैसा बनना पड़ता है।।

©जय 
  #DiyaSalaai
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय

कौन कहता है भारत ऊँची उड़ान भर नहीं सकता ज़रा देखो
यहाँ रूस का लूना विफल और चाँद पर तिरंगा लहराया है।।❤️✍️❤️
 (जय शायर)

©जय 
  #चन्द्रायान
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय

प्रेम में पड़े आशिक़ का 
शायर हो जाना बताता है
किस लहज़े में उसने 
मुहब्बत को पाक रखा..

©जय 
  #galiyaan
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय

कविता:★★

प्रेम में बिछड़े प्रेमी 
कभी जुदा नहीं होते।।

उनका कुछ न कुछ अंश 
बाकी रह जाता है,
जो कभी बादल बनकर 
बंजर जमीन को उपजाऊ
तो कभी कविता बनकर 
विचारहीन कवि में
एक नई रचना को उत्पन्न करता है।।

©जय 
  #RajaRaani
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय

रात की मर्यादित रोशनी में 
जुगनू का चमकना उतना ही 
मनोहर प्रतीत होता है ,,

जितना एक शायर का अपनी 
ग़ज़ल में अपनी प्रियतमा को
सम्बोधित करना!!

©जय 
  #Iqbal&Sehmat

#iqbal&Sehmat

175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय


ग़ज़ल

बह्र :- २१२२-२१२२-२१२२-२१२

हिज़्र ए गम और शिक़वा ख़ैर छोड़ो जाने दो
किस क़दर खुद में हूँ बिखरा ख़ैर छोड़ो जाने दो।।१

दिल भी तन्हा मैं भी तन्हा और तन्हा यादें हैं 
क्या बताऊँ कितना टूटा ख़ैर छोड़ो जाने दो।।२

ख़ामुशी में चीख़ और अल्फाज ज़िंदा लाश उफ़्फ़!
पूछना फिर खैरियत का खैर छोड़ो जाने दो।।३

मुन्तज़िर था हर घड़ी बस इक झलक भर देख लूं
हाय! उन नज़रों का मिलना ख़ैर छोड़ो जाने दो।।४

बेबसी औ' बेख़ुदी में कट रही रातें सभी 
बेबफा होना तुम्हारा ख़ैर छोड़ो जाने दो।।५

यूँ मयस्सर ज़ीस्त से हासिल हुआ #जय कुछ नहीं
औ' तुम्हारा रूठ जाना ख़ैर छोड़ो जाने दो।।६

©जय 
  #snowfall
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय

जिस लहज़े में हमने कहा
       'ठीक हैं हम'
उससे कहीं ज्यादा आसान
तरीके में तुमने मान लिया
   ’वाकई ठीक हैं हम'

इस वाकया के होने में
जो वक़्त गुज़रा
उस गुज़रे वक़्त ने फिर
कभी न खत्म होने वाली
दूरियाँ बना दी।।

©जय 
  #Sawera
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय

कविता ~~

अतीत की अदाकारी 
और वक़्त की मासूमियत 
में लिपटा इंसान अक्सर भूल 
जाता है कि जो आज हमारे साथ है 
उसके मायने क्या हैं 

हमेशा हर पल वर्तमान को 
अतीत के तराज़ू में तौलने वाला 
इंसान कभी कभी अपनों को
खोने का कारण बन जाता है।।

©जय 
  #humantouch
175a0911798a7ca22eb3949833f2f3fc

जय

ग़ज़ल

वज़्न - १२१२-११२२-१२१२-११२/२२

जहाँ कहीं भी रहो बस मेरी नज़र में रहो
सुनो! न जान मेरे साथ हर पहर में रहो।।१

बहुत शिकायतें हैं हम कहीं प जाते नहीं
पता चलेगा तुम्हें चार दिन तो घर मे रहो।।२

कि क्या हो जाये यहाँ कल को कौन जानता है
तो जब तलक हो सुहाने से इस सफर में रहो।।३

सुकूँ में है वो जो रहते हैं अपने गाँव मियाँ
हमारा हाल हो गर जानना नगर में रहो।।४

हमें खबर मिली तुम लिखते भी हो जानी मगर
ग़ज़ल कहो या कोई कविता बस हुनर में रहो।।५

सुना है इश्क़ का तुमको नशा चढ़ा है "जय"
दुआ है तुम भी मुहब्बत की इस डगर में रहो।।६

©जय 
  #walkingalone
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile