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abhinathshrotriy7853
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Abhinath Shrotriya

ना शायर सी शायरी करता हूँ ना कवि के अल्फ़ाज़ लिखता हूं कुछ बात है दिल की अपने शब्दों से बस बया करता हूँ।।

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Abhinath Shrotriya

सफर के डगर में चला जा रहा हूं
है गुमनाम सा बस बढ़ा जा रहा हूं
ना मंजिल पता ना राहों से जान
बस बढ़ा जा रहा हूं चला जा रहा हूं

सोच ना जाने कहा तक चलेगी
जेब हो खाली मन रुपया गिनेगी
बस यही सोच के मन को बहला रहा हूं
ये किस्मत भी अपनी कभी तो फ़लेगी

कभी डर के सहमा, कभी चोट खाई
राहों में अबतक कई उलझन भी आई
ना ठहरा मैं तब भी ना ठहरूंगा अब भी
मैं कुछ कर दिखाने चला जा रहा हूं

मेरे इस सफर में कई साथ अब तक
हर एक साथ से थी कई आस अब तक
सभी से जो सीखा वही सोच अब मैं
चला जा रहा हूं बस बढ़ा जा रहा हूं

©Abhinath Shrotriya #uskaintezaar
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Abhinath Shrotriya

प्रेम.....
भाव रस भावना स्जागर अडिग अपूर्व अमृत्व समान जो
राधा राधा रटत चलत जो कान्हा कहलाए प्रेम भाव वो
चमड़ी के चमक की माया फेर का भोग तिरस करत जब वो
आत्म,अभिज्ञा, आत्मसमर्पण कर मस्तमगन यह भाव वो
मृतुलोक चाहे गौलोक या स्वर्ग कहो व पाताल लोक
इस रस में मगन करा भेंट ईष्ट से, मोक्ष प्राप्त का असल श्रोत जो
शिव शक्ति या राधा कृष्णा,सियाराम सबमें एक प्रेम भाव सौ 
भाव भावना दर्श दिखाए अद्भुत परिकल्पना की सहस्त्रधार जो 
प्रेम रस में डूबा मन को निखर के आए प्रेम भाव वो

©Abhinath Shrotriya #Love प्रेम की परिकल्पना

Love प्रेम की परिकल्पना #विचार

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Abhinath Shrotriya

कोई वो बचपन लौटा दो
वो चेहरे पे मुस्कान खिला दो
उलझन में पड़े इस मन को
फिरसे चंचलचित्वन बनवा दो
कोई फिर बचपन लौटा दो

छल से जीना या बल से जीना
यही चारो ओर पसर है
समय की दौड़ में छूटे सब कुछ ये
सब इस वक्त का असर है
ऐसे जीने से छुटकारा दिला दो
कोई फिर बचपन लौटा दो

व्यस्त पड़ी हर बस्ती यहां
भारी मुस्किल अब मस्ती यहां
नहीं सफल तो ताने की शोर
अब एक दूजे से द्वेष यहां 
इस शोर से कोई दूर कर दो
वापस पुरानी महफिल सजा दो
कोई फिर बचपन लौटा दो....

©Abhinath Shrotriya #Nightlight
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Abhinath Shrotriya

अल्फाज़ो की नगरी से ठहला
कुछ बात सुनाने आया हूँ,
आओ जरा तुम पास हमारे
कुछ राज बताने आया हूँ,
बेचैन पड़ा हूँ कुछ अरसों से मै
बेचैनी मिटाने आया हूँ,
तुम सुनो जरा मेरे मन की 
हर हाल बताने आया हूँ,
थोड़ा थोड़ा तुम कहो मै
तुमरी सुन ने भी आया हूँ,
जो शिकवे गीले हुए है दिल के
मै उन्हें मिटाने आया हूँ,
जो लिखा है दिल से तुमपे वो सब
तुम्हे बताने आया हूँ ,
बस सुन ना दिल से मेरे दिल की
जो तुम्हे सुनाने आया हूँ,
अल्फाज़ो की नगरी से ठहला
कुछ बात सुनाने आया हूँ,

©Abhinath Shrotriya इश्क की अनोखी दास्ताँ
#love
#Dil 
#fish

इश्क की अनोखी दास्ताँ love #Dil #fish #कविता

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Abhinath Shrotriya

आज फिर अरसे बाद सवालात का 
सिलसिला मुकर्रर हुआ खुद से,
पहचानने की कोशिश में खुद को 
हर दर्रे से छान लिया,
लोग हमें जान ने की दलीलें 
बयां करते हैं अक्सर महफ़िलो में,
जो हम ना जान सके फिर भी 
उन सबकी हर बातो को सही मान लिया,
जब डूबा खुद के मन रूप समंदर
 में तो दम सा घुटने लगा,
वक्त का तगजा है जनाब वक्त रहते 
आखिर खुद को जान ही लिया...
आज फिर अरसे बाद सवालात का
 सिलसिला मुकर्रर हुआ खुद से
पहचानने की कोशिश में खुद को
 हर दर्रे से छान लिया

©Abhinath Shrotriya सिलसिला सवालातो का
#सवाल_खुद_से 
#मेरे 

#Roses

सिलसिला सवालातो का #सवाल_खुद_से #मेरे #Roses #ज़िन्दगी

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Abhinath Shrotriya

अदाकार यहाँ ना कम कोई,
मुँह पे सब नकाब चढ़ाए रखते है।
माखन सी बोली के पीछे,
चुभते खंजर में धार सजाए रखते है।
रंग बदलने का हुनर बखूभी है सबमे,
तरीके यहाँ सब हज़ार रखते है।
यहाँ लोग भी गजब के है साहब,
मसला कोई भी हो सबको सब 
अपने वक्त पर ही याद किया करते है।
अदाकार यहाँ ना कम कोई,
मुँह पे सब नकाब चढ़ाए रखते है।

©Abhinath Shrotriya #hakikat 

#Searching
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Abhinath Shrotriya

ना जन्म दिया खुद को तूने 
ना पालने वाले तू हुआ खुदी में
तेरी इज़्ज़त जब दुनिया तुझको दे
उसमे भी तेरा रोक थाम नही
ना पैसे तेरे न शोहरत तेरी ना
इज़्ज़त नही ना धनदौलत तेरी
अरे गुमान क्यों फिर करता बन्दे
जब मरने पर भी तेरा कुछ नही
जो मिला उसे तू लगा गले
खुश रहने का कोई मोल नही 
ओर रोकर हासिल हो जाये कुछ तो
आँशु फिर तो अनमोल नही
तू कर्म करे बस कर्म है तेरा
बस उसपे तेरा ही जोर चले है
तू अच्छा कर तू अच्छा पायेगा
बस यही सच है इसको थामे रख
जो चाहेगा तब सब पायेगा बस
अपने मन को तू संभाले  रख

©Abhinath Shrotriya #Life 

#candle
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Abhinath Shrotriya

माटी से बने माटी में मिल जाना है
इस जहाँ से क्या ही ले जाना है
भाग दौड़ का मंजर यहाँ ना जाने
किसको कब यहाँ से क्या ही पा जाना है
माटी से बने एक दिन माटी में मिल जाना है
जन्म से मरण तक का सफर जीवन है
लोभ-शोभ ईर्ष्या द्वेष  सब माया इसके है
इन सब चक्कर में उलझ न प्यारे तू 
इन सबको एक दिन यही छोर जाना है
माटी के बने सबको एक 
दिन माटी में मिल जाना है

©Abhinath Shrotriya जीवन का सफर

#LostInSky

जीवन का सफर #LostInSky #ज़िन्दगी

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Abhinath Shrotriya

🦜तोता मैना की कहानी🐦
गरम हवा व तलबति धूप में
वो राह देख रहा मैना का 
आंखे लाल होठ सूखे पेट मे
अन्न का दाना न था
प्रेम के इस अद्भुत दृश्य को 
कौआ बड़े चाव लगाए देख रहा
आँख गड़ाये उस तोते के तोते उड़ते
जो थिठियाना था
तोता राह एक आस में बैठा 
मैना मेरी आती होगी 
फिर कहि जाके तोता मैना 
की प्रेम कहानी होगी
कह दूंगा मेरी मैना को दिल के
कोने में जो दबा रखा है
कौआ को भी दांत दिखाये 
मैना संग गगन को छूता आउ
तब जाकर इठलाती मैना उड़ते फिरते 
नजर आई
ये क्या साथ मे 
कबुतर को भी ले आई 
उड़ गए तोते तोता राजा के 
कौआ हँसते हँसते चकराया था
तब से तोता मिर्च का शौकीन 
मैना की लीला से घबराया था

©Abhinath Shrotriya तोता मैना की कहानी

#Love

तोता मैना की कहानी Love #लव

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Abhinath Shrotriya

🤫खामोशी🤫
ख़ामोशी का पैगाम लाया हूँ
ख़ामोशी से इसको पढ़ लेना
खामोशी के इस मंजर में
खामोशी को तुम हर लेना
खामोशी नही ये खामोश दस्तक है
इसके भीतर की चीखें सुन लेना
ये खामोशी सब कुछ कहती है
खामोशी से इसको पढ़ लेना
ख़ामोशी कानों में न गूंजे
ये मन की बातों को कहती है
खामोश मन की इन बातों को
खामोशी से ही सुन लेना
खामोशी का पैगाम लाया हूँ
खामोशी से इसको पढ़ लेना

©Abhinath Shrotriya खामोशी का पैग़ाम
#ख़ामोशी 

#alone

खामोशी का पैग़ाम #ख़ामोशी #alone #शायरी

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