जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा
तस्वीर में नहीं, अपने पास में
तेरी आवाज़ जाए
सबसे पहले कानो में
जागू तो मिले उंगलियां
तेरे बालो में उलझी हुई
जिन्हें सहलाते हुए
रात मुझे नींद आ गई थी #कविता
Sawan Sharma
कभी कभी ज़िन्दगी
ले जाती ऐसे टापू पर
ना चाहते हुए भी जहां
फंस जाते हैं हम
पास से देखने पर
जो लगता है काफ़ी सुंदर
चाहते नहीं निकलना
बाहर हम उस टापू से #विचार
Sawan Sharma
एक किनारे मैं खड़ा
तुम खड़ी दूजे किनारे
एक पुल बनाना है मुझे
जो जोड़ दे दोनों किनारे ..
जो कभी टूटे नहीं
पुल वो ऐसा ठोस हो
तय कर ले आसानी से #कविता
घर घर नगर नगर
गली मोहल्ले चौराहे पर
गूंज रहा श्री राम नाम
दिल से होकर जुबानो पर
उत्सव जैसा लगता है
कितना प्यारा लगता है
हरे राम हरे कृष्ण #कविता
Sawan Sharma
मेरे घर के आँगन में
हैं तुलसी का एक पौधा
सुनो...
रोज़ सवेरे उसकी पूजा
करना स्वीकर कर लो ना #विचार
Sawan Sharma
कहूँ अपना या ना तुमको
प्रिये कहू या प्रेयसी
या बन जाऊँ अनजान कोई
सोचू नहीं तुम को मैं अपना
दुविधा भरे मन को मेरे
तुम ही कुछ सुझाव दो
साथ रहो तुम बन के संगिनी #कविता
Sawan Sharma
प्रेम में इंसान
बन जाता है कलाकार
कहने लगता है शेर
लिखने लगता है कविताएं
कोई बन कर चित्रकार
बनाने लगते है चित्र
अपने प्रेयसी के
कला से मिल जाती है पहचान
Sawan Sharma
प्रेम में पड़ा इंसान
होता है काफ़ी जलनखोर
मुझे भी जलन होती है
हर उस चीज़ से, हर इंसान से
जो तुम्हें सामने देख सकते हैं
उस लैपटॉप से भी जलन होती है
जिस पर तुम्हारी उंगलियां चलती है
उस फोन से जलन होती है #lover#Prem#कविता
Sawan Sharma
पायल...
धनतेरस की पूजा के लिए
आभूषण निकालते समय
माँ के हाथ आ गई एक पायल
जिसे देख कर वो
थोड़ा भावुक हो गई,
वो पायल खास है
वो पायल पापा ने #poem#jhumka#लव#payal