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manishraaj9056
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Manish Raaj

कवि एवं शायर

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Manish Raaj

 मीठा फल
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मेहनत और सब्र का फल मीठा होता है 
मीठा फल चख कर मेहनत और सब्र नहीं होता

मनीष राज

©Manish Raaj
  #मीठा फल
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Manish Raaj

 खुदगर्ज़
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कुछ खुदगर्ज़ी में आँसू तक बहा लेते हैं 
हर आँसू बहानेवाला खुदगर्ज़ नहीं होता

मनीष राज

©Manish Raaj
  #खुदगर्ज़
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Manish Raaj

ताल्लुक
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ताल्लुक रखने वाला ही झगड़े की वजह हो तो रिश्ता कैसा 
झगड़ों से रिश्ता ही हर पल रिस रहा हो तो ताल्लुक कैसा

मनीष राज

©Manish Raaj
  #ताल्लुक
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Manish Raaj

मोल
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हर पल, हर दफ़ा सेवा में हाज़िर रहनेवाला एक पल में अनमोल से बेमोल हो जाता है

मनीष राज

©Manish Raaj
  #मोल
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Manish Raaj

कश्मकश
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माफ़ कर गुनेहगार को आज़ाद कर दिया पस्चाताप की कैद से हर दर्द से गुज़र कर खामोश हूँ अब और वो इस खामोशी से उबर नहीं पा रहा

मनीष राज

©Manish Raaj
  #कश्मकश
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Manish Raaj

आँखों से ओझल
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किसी शक़्स के बेहद करीब आने को बेताब रहनेवालों से वक़्त पर आँखों से ओझल हो जाने का हुनर कोई इनसे सीखे

मनीष राज

©Manish Raaj
  #आँखों से ओझल
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Manish Raaj

सिक्का
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अपने हुस्न पर गुमाँ करने वाली औरत और अपनी ही ज़िम्मेदारियों से भागने वाला मर्द दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं

मनीष राज

©Manish Raaj
  #सिक्का
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Manish Raaj

मन
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मर्द मन को भा जाए तो उसकी एक नज़र भी ख़ुदा की मेहर लगे अगर मन को ना भाए तो उसका स्पर्श भी हवस की छुअन लगे

मनीष राज

©Manish Raaj
  #मन
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Manish Raaj

भूख
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जिसका जेब पैसों से और पेट रोटी से भरा है उसका दिल प्यार और रूह सूकूं का भूखा है

मनीष राज

©Manish Raaj
  #भूख
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Manish Raaj

मतलब
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दर्द भरे लब पर खुशी की तलब जिस पर गुज़री वो जाने इसका मतलब

छल-कपट, नोच-खसोट, निर्लज-निर्दयी सबका अपना मतलब वजूद, वजह, वसीहत, विरासत में छुपे ना जाने कितने मतलब

नज़रों से मिलती निगाहें, दिल में उठती आहों का क्या मतलब कभी मजबूर, कभी मगरूर तो कभी मेहरबाँ सा हुआ मतलब

बेज़्ज़त होकर बेबसी में बसर करने का क्या मतलब बेअदब और बदमिजाज़ को बखशने का क्या मतलब

भूख से प्यार और प्यार के भूखों से क्या मतलब ज़रूरतों की तलब और हर तलब का अपना एक मतलब

ज़िंदगी में इस ज़द्दोजहेद की भला क्यूँ इतनी तलब अंत में मौत फिर ज़िंदगी के फ़ल्सफ़े का क्या मतलब

मनीष राज

©Manish Raaj
  #मतलब
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