Nojoto: Largest Storytelling Platform
parasramarora4891
  • 4.0KStories
  • 1.6KFollowers
  • 43.2KLove
    9.7LacViews

Parasram Arora

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White दंग रह गया मै धरती 
की ये बड़ी बड़ी  दरारे  देख कर

कहीं ये  भबीध्य मे आने वाले 
भूकंपो के  आने की शुरुआत न हों

आज मैं    हैरा हुआ 
एक बरगद को  गमले मे 
उगते  देखकर 

कही ये  बिज्ञान की 
किसी उपलब्धिका का कोई 
नया आविश्कार न हो

©Parasram Arora नया आविशकार

नया आविशकार #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White माना कि हमारी 
संताने हमसे ही  
आई है 
फिर भी वै 
हमारी नहीं है

माना कि वे 
हमारे 
साथ है फिर भी 
वे हमारी नहीं
 
हम उन्हें प्रेम 
दें सकते  है 
. लेकिन अपने विचार 
और. अपना सुकुन 
उन्हें नहीं दे सकते

©Parasram Arora माना कि

माना कि #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White ये सही है 
कि हमें अपने 
बच्चों 
 जैसा.
होने पर गर्व होना. 
चाहिए.

लेकिन हमें. उन्हें.
अपने जैसा 
बनाने की 
कोशिश नहीं
होनी  चाहिए

©Parasram Arora अपनेजैसा

अपनेजैसा #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White यह सही है

कि हमने अपने 
बच्चों को देह 
देने मे उनका 
सहयोग किया  है
. 
पर उनके अंदर 
की  आत्मा को 
रोपने  का काम 
हमारे द्वारा 
नहीं हुआ है 
lll

©Parasram Arora आत्मा का रोपण

आत्मा का रोपण #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White पहले जिन्हें
लोग फरिश्ता समझ 
कर  मान दें रहे थे.

आज वे तथाकथित 
"फ़रिश्ते अपनी तहरीरो 
मे "हिन्दू मुसलमान "कह कर 
कोमो मे नफ़रत के बीज़ बो रहे है

©Parasram Arora i फ़रिश्ते

i फ़रिश्ते #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White आजकल  रिश्ते और संबंध  बिहडो 
 की तरह खुशक और  काटे दार 
 बन चुके  है 

और जहाँ तक जज्बातो का सवाल है वे भी बर्फ की तरह ठोस होकर जम चुके है

©Parasram Arora तिश्ते नाते

तिश्ते नाते #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White सागर  इतरा रहा था ज़ब वो संसार को अपनी खुबिया गिवस रहा था 

कि उसकी गहराई उसकी विस्तीॉन्नता और उसके छुपे हुए खज़ाने सबके लिए कितने  आकर्षक है 

लेकिन उसे ये पत्ता नहीं था अब तक कि उसका खारापन उसकी सारी खूबियों 
पर पानी  फेर देने के लिए काफी है

©Parasram Arora खारापन

खारापन #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White वो नदी  समुन्दर के निकट पहुंचने के तुरंत बाद लौटने लगी अपने स्त्रोत की तरफ 
क्यों की उसे डर था कि उसका मीठा जल 

समुन्द्र के खारे पानी से मिल कर कहीं प्रदूषित न हो जाए

©Parasram Arora नदी और उसका मीता पानी

नदी और उसका मीता पानी #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White पाना हो 
अगर तुम्हे 
वसुधा का 
वैभव 

तो न पसीना बहाने 

से तुम्हे डरना 
है और न ही 
 मेहनत से कभी 
घबराना  है

©Parasram Arora वसुधा का वैभव

वसुधा का वैभव #Poetry

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

White ताउम्र तुम 
खुद को रुलाते 
रहे और जिंदगी को भी 
रुलाते रहे हो 

अब ये तुम्हारे जीवन 
का बतिम पढ़ाव है 
तो क्यों न  तुम हँसते हुए 
अपने बचे खुचे दिनों 
को सार्थक करो

©Parasram Arora शार्थकता

शार्थकता #Poetry

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile