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kumarrameshrahi4779
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kumar ramesh rahi

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kumar ramesh rahi

White शीर्षक 
(बेटी)

मेरी व्यथा यहाँ समझेगा कौन,
देख रहा समाज, हो मूक मौन।
आंखो से करते वो चीरहरण चौराहे पर,
खड़ा कर दिया हर बेटी को दोराहे पर।

बाबा उम्मीदें हमसे भी पालो तुम,
गिर भी जाऊं हाथ पकड़ संभालो तुम।
अपमानित न हो सके कोई द्रौपदी, 
गिरधारी बन भैया लाज बचालो तुम।

©kumar ramesh rahi  हिंदी कविता #बेटी #हैवानियत #विनती #उम्मीदें #बाबा #समाज 
#जिम्मेदारी #लाज #गिरधारी #kumarrameshrahi
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kumar ramesh rahi

पत्थर भी तैर पड़ते ग़म का दरिया देखकर
जब तक हौसला गिरां उम्मीदों पर भारी रहा

©kumar ramesh rahi #grey #पत्थर #तैर #ग़म #दरिया 
#हौसला #उम्मीदों  #शेर  
#twoliner #kumarrameshrahi
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kumar ramesh rahi

हमने जब भी हाथों को उठाया दुवाएं मांगी
मग़र तिरा अदावते  बिलक़स्द कम न हुआ

©kumar ramesh rahi #Past #दुवाएं #अदावत #बिल्क़स्द
#यादें #रिश्ते #शायरी #twoliner 
#kumarrameshrahi

Past दुवाएं अदावत बिल्क़स्द यादें रिश्ते शायरी twoliner kumarrameshrahi

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kumar ramesh rahi

खा़मोशियों का यूं तजकिरा क्या करें
इतनी भी बेरूखी जमाने की ठीक नही

©kumar ramesh rahi #Childhood #खामोशियों #तजकिरा 
#जमाने #शायरी #दर्द #बेरूखी 
#twolineshayari 
#kumarrameshrahi

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kumar ramesh rahi

हरबार मिरा हमसाया तू इतना लहुलुहान करता है
क्या मिरा जिस्म का क़तरा तेरे जिस्म से कमतर है

©kumar ramesh rahi #delusion #शेर #हमसाया #जिस्म 
#खून #कतरा #कमतर #kumarrameshrahi
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kumar ramesh rahi

तेरा इंतज़ार....भी कितना खलता है
निकले हो जब उम्मीदों के सफ़र पर

ढूंढने......चलोगे किसे यूं जहाँ तलक
पता है उसका दिल रहती है नज़र पर

मिलके बिछड़ना कुदरत का निजाम
आंख भर आई रुखसती के ख़बर पर

रिश्तों का कलेवा कभी चख तो लेते
फिर तजकिरा करते उसके असर पर

चिंगारियाँ उड़ रही आदतन लफ्जों से
धूल में ज़िंदगी और गुबार है शहर पर

एहसासों को नमकीन कर गया 'राही'
सूखते लम्हों में याद....आई कदर पर

©kumar ramesh rahi #हिंदी #इंतजार #यादें #नजर #असर 
#कदर #kumarrameshrahi
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kumar ramesh rahi

उभर बरसों की दिल में चोट आई 
तेरी यादें  भी उसी जगह फिर लौट आई 

कैसे दिन बीतें कसकती रातें गुजरी 
जब भी आई सदाएं बेपरवाह बहोत आई 

बिछड़ कर ही तुमसे ये जाना खुदाया 
मेरे हिस्से में टूटी  ज़िंदगी नही मौत आई

रफू तो कर लेता इन जख़्मों को राही
वफाओं को गिनाने बनके तेरी सौत आई

©kumar ramesh rahi #दिल #चोट #कसक #रातें #यादें
#तन्हाई #मौत #kumarrameshrahi 

#alone
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kumar ramesh rahi

ज़िंदगी बिखरी कोई ग़म नही
कभी  तो अब्रेबहार आएगा!

होटों पर तू मुस्कुराहट रख
दिल को  सुकूनेक़रार आएगा!

जो मिला नही वो धोखा था
इंतज़ार  रख एतबार आएगा!

तसल्ली यूं इत्मिनान के साथ
खुद-ब-खुद गुनाहगार आएगा!

मोहब्बत में कशिश है 'राही'
लौट उसका तलबगार आएगा!

©kumar ramesh rahi
  #हिंदी #ग़ज़ल #मोहब्बत #एतबार #तलबगार #बेकरार #kumarrameshrahi
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kumar ramesh rahi

इन शबनमी आँखो में 
डूबना आसान है तुम्हारे लिए
मग़र उतरना कितना मुश्किल
हर बात समझायी नही जाती
काश कि 
तुम भी महसूस कर सकते
प्यार और ख़्वाहिशों के बीच भी
कुछ होता है...
जानती हूँ 
समन्दर बहुत देर तक
खामोश नही रह सकता
लेकिन दरिया भी तो इश्क़ में
सिमट जाती है
तुम्हारे आग़ोश में
अपने वज़ूद को खोकर
 
वज़ूद खोकर नही
अपने स्वभाव को...

©kumar ramesh rahi #हिंदी #शबनमी_एहसास #आँखों
#प्यार #डूबना #उतरना #मुश्किल 
#kumarrameshrahi
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kumar ramesh rahi

वक़्त बदल रहा
या जिंदगी भाग रही
बेतरतीब होकर
सुना है शहर में 
आजकल
उमस बहुत है..
मौसम बदल रहा या
हमने बदल दिया 
अपनी तरह
जरूरतें बढ़ जाती हैं
आसरे की तलाश में
लेकिन वज़ूद तो तब भी
वही था और अब भी 
शायद ताउम्र वही रहे
सुकून के मायने 
अब
पहले जैसे न रहे
परिन्दें भटकते रहे
यही भटकना 
नियति
बन गई है...
हम ठहरना ही नही चाहते....

©kumar ramesh rahi #वक़्त #जिंदगी #शहर  #मौसम #बदल #तलाश #सुकून #ठहरना #kumarraneshrahi 

#Walk
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