(*हयात- ज़िन्दगी) "फूलों की हयात का क्या आज खिले हैं तो कल बिखर जायेंगें"... #शायरी
Rana Hijab
(*दरख़्त- पेड़) "समझा नहीं किसी नें पत्तों को सब गिला- ए - जुदाई में यूं मशगूल रहे कि शाख़ को ताउम्र दिलासे मिले"..."यूं तो पत्तों ने अपनी ज़ात मिटा दी"...!! #शायरी
Rana Hijab
हमनशीं- साथी ; हमनफ़स- साथ रहने वाला(आने जाने वाली हर सांस का साथी ( #शायरी