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prashantkumar0792
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PrAshant Kumar

मैंने लिखना अपने अंत से शुरू किया । अब इसका अंत मेरे आरम्भ से होगा । BIKE RIDER INSTA- aryan_0625

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PrAshant Kumar

Trust me मैं जानता हूँ के एक दौर वो भी आएगा , मैं लड़का अच्छा नही हूँ तुम्हें हर कोई समझाएगा

©PrAshant Kumar मैं जानता हूँ के एक दौर वो भी आएगा , मैं लड़का अच्छा नही हूँ तुम्हें हर कोई समझाएगा

#trustme

मैं जानता हूँ के एक दौर वो भी आएगा , मैं लड़का अच्छा नही हूँ तुम्हें हर कोई समझाएगा #trustme #Society

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PrAshant Kumar

Mujhe Mohabbat Hai Uski Sari Khaamiyon Se, Agar Usse Koi Behatar Hai To Baadh Me Jaye.

©PrAshant Kumar Mujhe Mohabbat Hai Uski Sari Khaamiyon Se, Agar Usse Koi Behatar Hai To Baadh Me Jaye.

#soulmate

Mujhe Mohabbat Hai Uski Sari Khaamiyon Se, Agar Usse Koi Behatar Hai To Baadh Me Jaye. #soulmate #Love

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PrAshant Kumar

सुन , संघर्ष तो दोनो ही जगह है , जो जी चाहे वो करने में भी और जो परिवार कहे वो करने में भी , तो बेहतर है आज stand ले खुद के लिए , और वो कर जिसके लिए तू बना है तभी कामयाबी मिलते और संघर्ष दूर होते ही खुशी मिलेगी , वरना कामयाबी तो मिल जाएगी लेकिन खुश रहने के लिए संघर्ष जारी रहेगा ...

©PrAshant Kumar सुन , संघर्ष तो दोनो ही जगह है , जो जी चाहे वो करने में भी और जो परिवार कहे वो करने में भी , तो बेहतर है आज stand ले खुद के लिए , और वो कर जिसके लिए तू बना है तभी कामयाबी मिलते और संघर्ष दूर होते ही खुशी मिलेगी , वरना कामयाबी तो मिल जाएगी लेकिन खुश रहने के लिए संघर्ष जारी रहेगा ...

#findyourself

सुन , संघर्ष तो दोनो ही जगह है , जो जी चाहे वो करने में भी और जो परिवार कहे वो करने में भी , तो बेहतर है आज stand ले खुद के लिए , और वो कर जिसके लिए तू बना है तभी कामयाबी मिलते और संघर्ष दूर होते ही खुशी मिलेगी , वरना कामयाबी तो मिल जाएगी लेकिन खुश रहने के लिए संघर्ष जारी रहेगा ... #findyourself

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PrAshant Kumar

Chodkar akela mujhe izzat mang rahi h wo mujhse 
Todkar dilko mere roz izzat mang rahi h wo mujhse 
Subha ka wada shamko aur shanka wada subha todke izzat mang rahi h wo mujhse 
Jin raaho par allha bhi akela na chal paya kabhi un raaho par bhi akela chodke mujhe izzat mang rahi h wo mujhse 
Yaaro wo kahti h ki tum ab meri izzat nahi karte aur mai sochta hu (ab nahi karte 🤔 to tune aisa kya kiya jo tune use gawa diya).

PLEASE READ CAPTION

©PrAshant Kumar yaha par izzat ki bhi category h bhai logo
izzat just like bas meri feelings ko samjho jb mai bolu mujhe ni aana to lado mt mujhse bas maan jaao phr caahe mai hospital mai admit ku na hu phr agr mai kahu ki please aaj ajaao I have no one need to go hospital but she have excuse ki sorry mai soti rah gyi meri aankh ni khuli agle din phr wahi aankh ni khuli aur mai izzat karu uski aur uske decision ki theek h 
par mujhse bhi to kuch wade kiye the wo wo saare tod sakti h ki mai tujhe hamesa khus rak

yaha par izzat ki bhi category h bhai logo izzat just like bas meri feelings ko samjho jb mai bolu mujhe ni aana to lado mt mujhse bas maan jaao phr caahe mai hospital mai admit ku na hu phr agr mai kahu ki please aaj ajaao I have no one need to go hospital but she have excuse ki sorry mai soti rah gyi meri aankh ni khuli agle din phr wahi aankh ni khuli aur mai izzat karu uski aur uske decision ki theek h par mujhse bhi to kuch wade kiye the wo wo saare tod sakti h ki mai tujhe hamesa khus rak

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PrAshant Kumar

ज़रूरी है क्या 
इश्क़ दोनों ने किया बदनाम बस मैं हो जाऊं ज़रूरी है क्या । 
झगड़ा दोनों का हो शर्मिन्दा बस मैं हो जाऊं जरूरी है क्या । 
रुलाया एक दूसरे को दोनों ने चुप बस मैं कराऊं ज़रूरी है क्या ।
कसमें दोनों ने खाई , वादे बस मैं निभाऊं ज़रूरी है क्या ।
जुदा दोनों हुए लौट कर वापस बस मैं आऊं जरूरी है क्या ।
याद दोनों को आये आंसू बस मैं बहाऊँ ज़रूरी है क्या । 
दिल दोनों का दुखा , मरहम बस मैं लगाऊँ ज़रूरी है क्या । 
हर बार खुद को मैं ही समझाऊ , क्यों ! ज़रूरी है क्या ।

 - मेरे मन से -

©PrAshant Kumar | ज़रूरी है क्या । इश्क़ दोनों ने किया बदनाम बस मैं हो जाऊं ज़रूरी है क्या । झगड़ा दोनों का हो शर्मिन्दा बस मैं हो जाऊं जरूरी है क्या । रुलाया एक दूसरे को दोनों ने चुप बस मैं कराऊं ज़रूरी है क्या । कसमें दोनों ने खाई , वादे बस मैं निभाऊं ज़रूरी है क्या । जुदा दोनों हुए लौट कर वापस बस मैं आऊं जरूरी है क्या । याद दोनों को आये आंसू बस मैं बहाऊँ ज़रूरी है क्या । दिल दोनों का दुखा , मरहम बस मैं लगाऊँ ज़रूरी है क्या । हर बार खुद को मैं ही समझाऊ , क्यों ! ज़रूरी है क्या । - मेरे मन से -

#Language_of_t

| ज़रूरी है क्या । इश्क़ दोनों ने किया बदनाम बस मैं हो जाऊं ज़रूरी है क्या । झगड़ा दोनों का हो शर्मिन्दा बस मैं हो जाऊं जरूरी है क्या । रुलाया एक दूसरे को दोनों ने चुप बस मैं कराऊं ज़रूरी है क्या । कसमें दोनों ने खाई , वादे बस मैं निभाऊं ज़रूरी है क्या । जुदा दोनों हुए लौट कर वापस बस मैं आऊं जरूरी है क्या । याद दोनों को आये आंसू बस मैं बहाऊँ ज़रूरी है क्या । दिल दोनों का दुखा , मरहम बस मैं लगाऊँ ज़रूरी है क्या । हर बार खुद को मैं ही समझाऊ , क्यों ! ज़रूरी है क्या । - मेरे मन से - Language_of_t #Language_of_tears

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PrAshant Kumar

मेरी एक नज़्म चुरा कर ले गया था कोई नज़्म ने ज़िद ठान ली , साँसें रोक ली चोर ने कई जज़्बातों से पढ़ी मेरी नज़्म अपनी प्रेयसी के सामने , झुक कर मगर उदास सी मेरी नज़्म , ख़ामोश रही कल सोते सोते मेरे , लौटा गया है वो मेरी नज़्म बेकार नज़्म , जो उसके किसी काम की नहीं थी मैंने गले से लगाकर , हाल पूछा है उसका और नज़्म ने मेरे आँसूं पोंछे हैं , मगर जबसे लौटी है मेरी नज़्म खिड़कियों से झाँकती है रह रह कर जाने क्या ढूँढती है , क्या सोचती है एक बार बिछड़ जाने के बाद फिर से प्यार शायद वैसा नहीं रहता

©PrAshant Kumar १ मेरी एक नज़्म चुरा कर ले गया था कोई नज़्म ने ज़िद ठान ली , साँसें रोक ली चोर ने कई जज़्बातों से पढ़ी मेरी नज़्म अपनी प्रेयसी के सामने , झुक कर मगर उदास सी मेरी नज़्म , ख़ामोश रही कल सोते सोते मेरे , लौटा गया है वो मेरी नज़्म बेकार नज़्म , जो उसके किसी काम की नहीं थी मैंने गले से लगाकर , हाल पूछा है उसका और नज़्म ने मेरे आँसूं पोंछे हैं , मगर जबसे लौटी है मेरी नज़्म खिड़कियों से झाँकती है रह रह कर जाने क्या ढूँढती है , क्या सोचती है एक बार बिछड़ जाने के बाद फिर से प्यार शायद वैसा नहीं रहता

#me

१ मेरी एक नज़्म चुरा कर ले गया था कोई नज़्म ने ज़िद ठान ली , साँसें रोक ली चोर ने कई जज़्बातों से पढ़ी मेरी नज़्म अपनी प्रेयसी के सामने , झुक कर मगर उदास सी मेरी नज़्म , ख़ामोश रही कल सोते सोते मेरे , लौटा गया है वो मेरी नज़्म बेकार नज़्म , जो उसके किसी काम की नहीं थी मैंने गले से लगाकर , हाल पूछा है उसका और नज़्म ने मेरे आँसूं पोंछे हैं , मगर जबसे लौटी है मेरी नज़्म खिड़कियों से झाँकती है रह रह कर जाने क्या ढूँढती है , क्या सोचती है एक बार बिछड़ जाने के बाद फिर से प्यार शायद वैसा नहीं रहता me #meltingdown

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PrAshant Kumar

मेरी ख़ामोशियों को पढ़ कर मेरे जज़्बातों को परख सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ , जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरी ग़हराइयों में ढल कर मेरे एहसासों से मिल सके , वो मेरे आँसुओं में घुल कर उन्हें मुसकुराहटों में बदल सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरे लफ़्ज़ों को नज़रअंदाज कर वो मेरी रूह को सुन सके , पूरी क़ायनात को छोड़ कर यक़ीन मुझ पर ही कर सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरी ख़ामियों को चुन कर उन्हें खूबियों में बदल सके , मेरी उलझनों को सुलझा कर वो ख़ुद मुझमे ही सुलझ सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरी गैर मौजूदगी को पाकर वो मुझे खोने से डर सके , मेरे टूटे ख़्वाबों को जोड़ कर उन्हें मेरी हथेली पर रख सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरे पैरों के लड़खड़ाने पर वो मेरे हाथों को पकड़ सके , मेरी बंजर ज़मीं को छोड़ कर मुझे लेकर आसमां में उड़ सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरी ज़रूरतों के वक़्त पर वो बे वक़्त मुझसे मिल सके , मेरी डूबती हुई कश्ती का एक किनारा उसमें दिख सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बिन कहे मुझे समझ सके !! हो इंसान या कोई फ़रिश्ता बस मेरा सुकून वो बन सके , अपने उजालों को छोड़ कर वो मेरे अंधेरों से लड़ सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बिन कहे मुझे समझ सके !! हार भी जाऊँ अगर उससे तो जीत मुझे ही मिल सके , मेरी राह के गहरे सवालों का वो एक क़ाबिल जवाब बन सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बस एक बार ही सही बिन कहे मुझे समझ सके ... !!

©PrAshant Kumar मेरी ख़ामोशियों को पढ़ कर मेरे जज़्बातों को परख सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ , जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरी ग़हराइयों में ढल कर मेरे एहसासों से मिल सके , वो मेरे आँसुओं में घुल कर उन्हें मुसकुराहटों में बदल सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरे लफ़्ज़ों को नज़रअंदाज कर वो मेरी रूह को सुन सके , पूरी क़ायनात को छोड़ कर यक़ीन मुझ पर ही कर सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरी ख़ामियों को चुन कर उन्हें खूबियों में बदल सके , मेरी उलझनों को सुलझा क

मेरी ख़ामोशियों को पढ़ कर मेरे जज़्बातों को परख सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ , जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरी ग़हराइयों में ढल कर मेरे एहसासों से मिल सके , वो मेरे आँसुओं में घुल कर उन्हें मुसकुराहटों में बदल सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ ; जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरे लफ़्ज़ों को नज़रअंदाज कर वो मेरी रूह को सुन सके , पूरी क़ायनात को छोड़ कर यक़ीन मुझ पर ही कर सके ! शख़्स कोई ऐसा चाहती हूँ जो बिन कहे मुझे समझ सके !! मेरी ख़ामियों को चुन कर उन्हें खूबियों में बदल सके , मेरी उलझनों को सुलझा क

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PrAshant Kumar

ये सच है कि अब तुझे भुलाना ज़रूरी है , अब जो हुआ उसे अपनाना ज़रूरी है । मुझे मेरा सच बुला रहा है राहों में , को आग लगाना ज़रूरी है । अब झूठ इंतेज़ार में तेरे बिताए है मैंने कई साल , अब तेरी तरह , मेरा भी खुश हो जाना ज़रूरी है । किसी और के साथ की उम्मीद में , अब मैं नहीं ! अब मुझे खुदसे , खुद्को मंज़िल तक पहुँचाना ज़रूरी है ।

©PrAshant Kumar ये सच है कि अब तुझे भुलाना ज़रूरी है , अब जो हुआ उसे अपनाना ज़रूरी है । मुझे मेरा सच बुला रहा है राहों में , को आग लगाना ज़रूरी है । अब झूठ इंतेज़ार में तेरे बिताए है मैंने कई साल , अब तेरी तरह , मेरा भी खुश हो जाना ज़रूरी है । किसी और के साथ की उम्मीद में , अब मैं नहीं ! अब मुझे खुदसे , खुद्को मंज़िल तक पहुँचाना ज़रूरी है ।

#confused

ये सच है कि अब तुझे भुलाना ज़रूरी है , अब जो हुआ उसे अपनाना ज़रूरी है । मुझे मेरा सच बुला रहा है राहों में , को आग लगाना ज़रूरी है । अब झूठ इंतेज़ार में तेरे बिताए है मैंने कई साल , अब तेरी तरह , मेरा भी खुश हो जाना ज़रूरी है । किसी और के साथ की उम्मीद में , अब मैं नहीं ! अब मुझे खुदसे , खुद्को मंज़िल तक पहुँचाना ज़रूरी है । #confused

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PrAshant Kumar

सुबह की जल्दबाज़ीयों में, शाम के तंग बाज़ारों में, रात के ढलते उजालों में, ज़माने के अनगिनत ख़यालों में, ज़हन में दौड़ते कई सवालों में, इन सब शोर शराबों में में, कहीं खो सा गया है, वो इक चुपचाप सा कमरा जहां खिड़कियों में शाम से रात होते हुए, हम कुछ देर खुद से मिला करते थे !

©PrAshant Kumar सुबह की जल्दबाज़ीयों में ... शाम के तंग बाज़ारों में ... रात के ढलते उजालों में ... ज़माने के अनगिनत ख़यालों में ... ज़हन में दौड़ते कई सवालों में ... इन सब शोर शराबों में में ... कहीं खो सा गया है ... वो इक चुपचाप सा कमरा जहां खिड़कियों में शाम से रात होते हुए ... हम कुछ देर खुद से मिला करते थे ... ...

#brokenwindow

सुबह की जल्दबाज़ीयों में ... शाम के तंग बाज़ारों में ... रात के ढलते उजालों में ... ज़माने के अनगिनत ख़यालों में ... ज़हन में दौड़ते कई सवालों में ... इन सब शोर शराबों में में ... कहीं खो सा गया है ... वो इक चुपचाप सा कमरा जहां खिड़कियों में शाम से रात होते हुए ... हम कुछ देर खुद से मिला करते थे ... ... #brokenwindow

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PrAshant Kumar

It's you. You're the one I want. You're the one I want to come home to after a bad day at work. You're the one I want to roll over to in the middle of the night and wake up next to everyday, for the rest of my life. You're the one I want to go on late night runs with for food just because we wanted to get out of the house. You're the one I want to take on cute little dates like to a movie, or to a nice, fancy dinner, or to an early morning breakfast before we both have to go our separate ways for the day. You're the one I want to take on cute all day dates to things like aquariums, and zoos, and amusement parks. You're the one want to go on fun, exhilarating adventures with, such as a day at the lake, or a hike through the woods, or even just a late night walk when everything is quite. You're the one I want to stay in with for the night and build a cute little fort while we watch movies under it and eat our favorite foods. You're the one I want to make happy for the rest of my life. You're the onel want to love, and to hold when times get tough. You're the one I want to be there for when everything in your world comes crashing down. All my good days and all my bad days, you're the one I want to spend them with. Its you. You're it. You're the one. And I swear to you, I have never been so sure about someone or something in my entire life. Its you, and I say this without a single doubt in my mind.

©PrAshant Kumar It's you. You're the one I want. You're the one I want to come home to after a bad day at work. You're the one I want to roll over to in the middle of the night and wake up next to everyday, for the rest of my life. You're the one I want to go on late night runs with for food just because we wanted to get out of the house. You're the one I want to take on cute little dates like to a movie, or to a nice, fancy dinner, or to an early morning breakfast before we both have to go our separate ways fo

It's you. You're the one I want. You're the one I want to come home to after a bad day at work. You're the one I want to roll over to in the middle of the night and wake up next to everyday, for the rest of my life. You're the one I want to go on late night runs with for food just because we wanted to get out of the house. You're the one I want to take on cute little dates like to a movie, or to a nice, fancy dinner, or to an early morning breakfast before we both have to go our separate ways fo #Love

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