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shubhrasrivastav6380
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Shubhra Srivastava

लफ्ज़ जब खामोश रह जाते हैं, कलम हर अल्फ़ाज़ कह जाते हैं।

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Shubhra Srivastava

11/07/2023

©Shubhra Srivastava
  #worldpopulationday
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Shubhra Srivastava

ज़िन्दगी का रंगमंच


24 घंटों में तो स्टेटस भी गायब होंगे,
क्यों ना ज़िंदगी भर के लिए खूबसूरत कुछ शाम हो जाए,
किरदार तुम्हारा इससे पहले कि ज़िन्दगी के  रंगमंच से विदाई ले
क्यों ना कुछ पंक्तियां खुद के ही नाम हो जाए।
ज़िंदगी काटना तो तुम्हारा मकसद नहीं,
जीने का एक अंदाज़ भी सीखना होगा,
कोयला इससे पहले कि भट्ठियों में अपना अस्तित्व खो दे
तपकर इसे निखरता कुंदन होना होगा।।
ज़िंदगी के रंगमंच पर वर्षों पहले जो बीज उपजा था,
पनपते इस बीज को विशाल वटवृक्ष होना होगा,
बंद आँखों में सपने सजाने का सफ़र हुआ खत्म
अब नए सफर में,नए बीज फिर बोना होगा।।

©Shubhra Srivastava #livelife #livelifetothefullest #enjoylife 

#Stars
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Shubhra Srivastava

आखिर कब तक ?



आखिर कब तक एक बेटी की इज़्ज़त जलाई जाएगी,
कब तक एक माँ की कोख बेटी पैदा कर लजाएगी।
कब तक 'फाइलों और तारीख'में सिमटकर रह जाएगा नारी का इंसाफ़
और कब तक कृष्णा के चीर द्रौपदी की इज़्ज़त रखने आएगी। 
कब तक दोषियों के सज़ा की तारीख बढ़ती जाएगी,
कब तक अपना गला दबा वो पवित्रता का गवाह बनती जाएगी।
आखिर कब तक दोहराया जाएगा रामायण और महाभारत का इतिहास 
और कब तक द्रौपदी और सीता अग्निपरीक्षा देने आएँगी।।
आखिर कब तक ये खामोशी अपना प्रचण्ड रूप दिखाएगी,
कब तक वेदना की धधकती ज्वाला में एक बेटी जलती जाएगी।
कहीं फिर भ्रूण हत्या का पाप हर बाप को कलंकित न कर दे
फिर हर कोर्ट की जस्टिस बेटी की चिता के साथ राख बन जाएगी।।
                   -Shubhra Srivastava

©Shubhra Srivastava #respect_women
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Shubhra Srivastava

देश की शान नेता की कुर्सी में बट गई,
भोली जनता,चापलूस नेताओं के शिकंजों में पड़ गई।
जिस सोने की चिड़िया का कभी ख्वाब सजाया था,
भ्रष्टाचार की जंग में वो भी कोयले से ढक गई।।

कुर्सी की आड़ में नोटों की भूख है,
आम जनता से पैसे वसूलने में ही असीम सुख है।
संप्रदाय के नाम पे देश के 100 भाग हो गए
अंग्रेजों से मुक्त हो नोटों के गु़लाम बनने का ही एकमात्र दु:ख है।।

कभी हनी सिंह के Hairstyle,कभी करीना के Slim body पे अटक गए,
कभी social media के attraction,कभी G.F./B.F.में भटक गए।
Development के नाम पे अक्ल गधों को बेच आए
आधुनिकता का टैग लगाए,पाश्चात्य सभ्यता पे लटक गए।।

तनावग्रस्त लोग यहां नसें काटते हैं,
गायों को लावारिस छोड़, कुत्ते पालते हैं,
शहीद भगत,शेखर के ज़हन में आया होगा,
कैसी गुस्ताखी कर गए
जिन गधों को देश की परवाह नहीं, 
उनके लिए प्राणों की बाज़ी खेल गए।।
-Shubhra@sriva

©Shubhra Srivastava #sagarkinare
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Shubhra Srivastava

खुदा को प्यारा होते ही रिश्तेदारों का ताँता बँधा है,
ज़िंदा मरनेवालों को यहाँ कौन पूछता है।
अलविदा कहते ही RIP का टैग लगाते हैं
आखिरी साँसें गिनते हुए का हाल कौन पूछता है।।
                    इंसान को इंसान बनकर रहने ना दिया,
                    आज भगवान-सा,ये इंसान मुझे क्यों पूजता  है।
                    हर चेहरे मेरी खामियां गिनाते रहे
                    आज मेरी तारीफ़ों के पुल कोई क्यों बाँधता है।।
नज़र बचाके तब तो सबने रास्ते बदल दिए,
तो आज तस्वीरों में हर कोई क्यों ढूँढता है।
सोया हूँ तो सब दो अश्कों की सौगात देते हैं
उठ गया तो फिर वही उंगली उठेगी जो अभी अश्क पोंछता है।।

©Shubhra Srivastava
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Shubhra Srivastava

खाली है पेट आज भी
रोटी की कमी से,
महलों के नवाबों को खौफ़ है 
कि डाईट ना बिगड़ जाए।

©Shubhra Srivastava #AkelaMann
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Shubhra Srivastava

कुछ तो नशा था
नटखट की मुरली में,
वरना यूँहीं दुनिया उसकी
दीवानी न होती,
कुछ तो था 
यमुना के तीर पर,
वरना राधाकृष्ण की  निर्मल 
वहां प्रेम कहानी न होती।
कुछ तो था
साँवरे माखनचोर में,
वरना हर गोपी उसके प्रेम की
पुजारन न होती।
कुछ तो था 
बरसाने की गोरी में,
वरना बिना परिणय के 
वो कान्हा की पटरानी न होती।।

©Shubhra Srivastava Happy Krishna Janmashtami to all🙏
#DearKanha

Happy Krishna Janmashtami to all🙏 #DearKanha

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Shubhra Srivastava

#AzaadKalakaar घायल हाथों में तलवार टिकाए  खड़े थे,
सपने हमारे फ़लक की बुलंदियाँ छूते अड़े थे,
दुश्मन भी हमारे,नतमस्तक होने को विवश क्यों ना होते
हौसले हमारे औकात से जो बड़े थे।।
कायल था इस अंदाज़ का सारा इंग्लिस्तान,
निहत्थे होकर उनके तोपों के समक्ष आँख मिलाए जो खड़े थे,
 हमारी उफ़ सुनने को बेकरार, वो अंतिम साँसें गिनते रहे
बेबाक हम मुस्कुराते, उनका दिल जलाए खड़े थे।।

©Shubhra Srivastava Independence Day isn't the only day to celebrate your freedom.You are independent all the 365 days,12 months,52 weeks,24 hours,1440 minutes,86400 seconds and so on.Enjoy your freedom and be the best version of yourself.
JAI HIND🇮🇳🇮🇳
#yourquote #yqdidi #yqbaba 

#AzaadKalakaar

Independence Day isn't the only day to celebrate your freedom.You are independent all the 365 days,12 months,52 weeks,24 hours,1440 minutes,86400 seconds and so on.Enjoy your freedom and be the best version of yourself. JAI HIND🇮🇳🇮🇳 #yourquote #yqdidi #yqbaba #AzaadKalakaar

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Shubhra Srivastava

आज की पीढ़ी
हादसों में मोबाइल आगे बढ़ा,कदम पीछे खींचते हैं,
रातोंरात Viral हो,ऐसी कहानी ढूँढते हैं।
मानव को तो जीता जागता रोबोट बना दिया
अब रोबोट में मानव की परछाईं ढूँढते हैं।।
बस्तों के बोझ तले बचपन गुजा़र दिया,
मुस्कुराने के अब ज़िंदगी भर बहाने ढूँढते हैं।
अरमानों के बोझ ढोते, मौत गले आ लगी है
जीने के लिए कोई सुबह अब पुरानी ढूँढते हैं।।
ज़िंदगी गँवा दी कौड़ियां जुटाने में,
अब,कब्र में एक ज़िंदगानी ढूँढते हैं।
सारी कमाई लगा दी,बेटे को पढ़ाने में
घर के लिए अब पढ़ी-लिखी नौकरानी ढूँढते हैं।।

©Shubhra Srivastava #Moderntime 

#India
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Shubhra Srivastava

शायरों की महफ़िल में
सब पीठ पीछे वार करते रहे,
नौसिखिया शायर मैं दो लफ़्ज़ कहके
उनका रक़ीब बन गया,
शब्दों की चोट देने वाले
 उनके हबीब बने रहे
और साज़िशों के शहर में
मैं नासमझ ग़रीब बन गया।

©Shubhra Srivastava #नौसिखिया शायर
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