अंतिम समय मे तुम्हारी इच्छाओं का सम्मान कर मृत्यु सइया पर लेटना मेरी नियति थी, धू धू कर जलते मेरे शरीर का हर हिस्सा राख हो जाएगा, बच जाएंगी कुछ अस्थियां जिसे मेरे परिजन कर आएंगे प्रवाहित बनारस के गंगा घाट में. सुनो, मेरी अंतिम मुलाकात अब बनारस में ही होगी तुमसे, तुम अपने प्रिय के साथ बनारस आओगी ना मुझसे मिलने.. त्याग ,प्रेम,बलिदान,
rohit ojha
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