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ganeshsinghjadau0935
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Ganesh Singh Jadaun

अश्कों के समंदर में न डूब मेरे मांझी कितने ही दिलों की कश्ती तुझे पार लगानी है

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Ganesh Singh Jadaun

कहां तो तय था (४)

कहां तो तय था (४) #शायरी

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Ganesh Singh Jadaun

कहां तो तय था (३)

कहां तो तय था (३) #शायरी

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Ganesh Singh Jadaun

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Ganesh Singh Jadaun

दुष्यंत कुमार जी की ग़ज़ल को महसूस करने की कोशिश

दुष्यंत कुमार जी की ग़ज़ल को महसूस करने की कोशिश #शायरी

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Ganesh Singh Jadaun

#रुद्राष्टकम
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Ganesh Singh Jadaun

#रुद्राष्टक २/२
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Ganesh Singh Jadaun

#रुद्राष्टकम्
ओम् नमः शिवाय 🙏💐🚩💐🙏

#रुद्राष्टकम् ओम् नमः शिवाय 🙏💐🚩💐🙏 #समाज

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Ganesh Singh Jadaun

क़ुर्बतों[1] में भी जुदाई के ज़माने माँगे
दिल वो बेमेह्र[2] कि रोने के बहाने माँगे

अपना ये हाल के जी हार चुके लुट भी चुके
और मुहब्बत वही अन्दाज़ पुराने माँगे

यही दिल था कि तरसता था मरासिम [3]के लिए
अब यही तर्के-तल्लुक़[4] के बहाने माँगे

हम न होते तो किसी और के चर्चे होते
खल्क़त-ए-शहर[5] तो कहने को फ़साने माँगे

ज़िन्दगी हम तेरे दाग़ों से रहे शर्मिन्दा
और तू है कि सदा आइनेख़ाने[6]माँगे

दिल किसी हाल पे क़ाने[7] ही नहीं जान-ए-"फ़राज़"
मिल गये तुम भी तो क्या और न जाने माँगे


~ अहमद फ़राज़

©Ganesh Singh Jadaun क़ुर्बतों[1] में भी जुदाई के ज़माने माँगे
दिल वो बेमेह्र[2] कि रोने के बहाने माँगे

अपना ये हाल के जी हार चुके लुट भी चुके
और मुहब्बत वही अन्दाज़ पुराने माँगे

यही दिल था कि तरसता था मरासिम [3]के लिए
अब यही तर्के-तल्लुक़[4] के बहाने माँगे

क़ुर्बतों[1] में भी जुदाई के ज़माने माँगे दिल वो बेमेह्र[2] कि रोने के बहाने माँगे अपना ये हाल के जी हार चुके लुट भी चुके और मुहब्बत वही अन्दाज़ पुराने माँगे यही दिल था कि तरसता था मरासिम [3]के लिए अब यही तर्के-तल्लुक़[4] के बहाने माँगे #Books #शायरी

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Ganesh Singh Jadaun

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना 
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना

~ मिर्ज़ा ग़ालिब

©Ganesh Singh Jadaun
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Ganesh Singh Jadaun

एक नारी की जीवनी

यूं ही नहीं देखती
वो हर व्यक्ति में
केवल खामियां
तमाम खूबियों के बावजूद
कभी उसे भी 
ठुकराया गया था
चंद खामियों के लिए

©Ganesh Singh Jadaun #jail
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