Image credit pinterest
चमक उठे फिर व्योम में,
नखत इंदु के संग ।
आभा रजनी की खिली,
देखें दृग हो दंग ॥
शुभ रात्रि 🪷🙏 #yqdidi#दोहा#हिंदी_कविता#विष्णुप्रिया
भावार्थ - रात होते ही चंद्रमा की स्वेत चांदनी, संपूर्ण संसार में बिखर जाती है, और टिमटिमाते तारों से सारा आकाश चमक उठता है ।
रात्रि की तो बात ही अनोखी है, स्याह अंधकार में लिपटी हुई रात भी अपने आंचल में समेटे ढ़ेरों तारों के प्रकाश का (सुंदरता ) सुख लुटती है, जिससे मन हर्षित होता है ।
#रात्रि#दोहे#शुभरात्रि#yqdidi#विष्णुप्रिया