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sangeetagarg4333
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Sangeeta Garg

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Sangeeta Garg

मेरी यही खूबी 
जमाने को बहुत खलती है,
कि इतनी ठोकरों के बाद 
ये सीधी कैसे चलती है...✍️

©Sangeeta Garg
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Sangeeta Garg

प्रार्थनाएँ कभी धुँधलाती नहीं
धीरे धीरे सिमट कर 
किसी दिन वो तुम्हें अचानक से 
अचंभित कर देती हैं।

©Sangeeta Garg
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Sangeeta Garg

भावी अवश 
यथा 
भविष्य

©Sangeeta Garg #ArabianNight
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Sangeeta Garg

हदों में रह के रिश्तों को निभाया जाये
लहजे में अपने बनावट को भी बसाया जाये

सच को दिल में, जुबां पर झूठ को बिठाया जाये 
अपनेपन के ढोंग के साथ दिखावा भी मिलाया जाये
 
रिश्तों के तल्ख तजुर्बे ने सिखाया हमें
अब जमाने के चलन को अपनाया जाये

अब जो चलन है हवाओं का तो क्या कीजे
उसके रुख से ही अपने भी कदम मिलाया जाये

नहीं चलती दिलों की आज के इस दौर में" संग"
तो यूं कर, जमाने की रिवायत को निभाया जाये
                   स्वरचित 
                  संगीता गर्ग

©Sangeeta Garg
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Sangeeta Garg

स्नेह और रक्षा के विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व की सभी बहनों और भाईयों को आत्मीय बधाई शुभकामनायें 
ईश्वर सभी के भाईयों की उम्र लम्बी करें
आज कोई कलाई सूनी न रहे

©Sangeeta Garg
  #rakshabandhan
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Sangeeta Garg

स्नेह और रक्षा के विश्वास का प्रतीक 
रक्षाबंधन की सभी बहनों और भाईयों आत्मीय बधाई शुभकामनायें
ईश्वर सभी के भाईयों की लम्बी उम्र करें
और कोई कलाई आज सूनी न रहे.

©Sangeeta Garg
  #rakshabandhan
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Sangeeta Garg

ईश्वर सभी को 
वो सब कुछ दुगुना कर के लौटाये 
जो वो दुसरों को देते हैं 
प्यार स्नेह दोस्ती विश्वास दुआऐं 
या फिर जो भी वो दें...
स्वरचित

©Sangeeta Garg
  #chains
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Sangeeta Garg

झूठ का मान रख लिया 
कि उसने हमें बेवकूफ बना लिया
वरना नजरों के अनुभव ने 
उसे सात पर्दों में पहचान लिया
झूठ खुश था हमारा फायदा उठाके
हम सोच रहे थे 
इसने खुद को और भी गिरा लिया...
स्वरचित

©Sangeeta Garg
  #Gulaab
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Sangeeta Garg

विश्वास..बहुत नाजुक शै है ये
हर कोई इसके काबिल नहीं होता।
खंजर उन्हीं आस्तीनों से निकलती है
जो आपके कांधे पर मैं हूं ना का हाथ रखते हैं
सोच समझकर इसका बोझ उठाना
स्वरचित

©Sangeeta Garg
  #SunSet
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Sangeeta Garg

*"सर उठाकर फक्र से , चलने की हसरत हो अगर.....*
*तो सीखिये गर्दन कहाँ , कितनी झुकानी चाहिए......

©Sangeeta Garg
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