Nojoto: Largest Storytelling Platform
brijeshmehta7417
  • 1.4KStories
  • 1.5KFollowers
  • 6.6KLove
    1.8LacViews

brijesh mehta

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta

**




प्रियतमा द्वारा छुपाया गया सच,
 वो अग्नि है 



जो प्रत्यक्ष रूप से जलाती नहीं, 
पर हृदय को राख कर देती है!

#बृजेश #मंमाधन

©brijesh mehta
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta










Invest in what you love

©brijesh mehta
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta












In Scorching Sun think of the NEEDY and POOR 
Not of the God
#बृजेश

©brijesh mehta
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta

if your children can't speak their mother tongue what kind of idiot you are!

#बृजेश





,

©brijesh mehta
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta





Trust Me 
Marriage Is A Man Made Institution

God and Heaven Has Nothing To Do With That

Brijesh Mehta 
#मंमाधन 



य

©brijesh mehta
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta


रात फैली है तेरे सुरमई आँचल की तरह 
चाँद निकला है तुझे ढूँडने पागल की तरह 

ख़ुश्क पत्तों की तरह लोग उड़े जाते हैं 
शहर भी अब तो नज़र आता है जंगल की तरह 




फिर ख़यालों में तिरे क़ुर्ब की ख़ुश्बू जागी 
फिर बरसने लगी आँखें मिरी बादल की तरह 

बे-वफ़ाओं से वफ़ा कर के गुज़ारी है हयात 
मैं बरसता रहा वीरानों में बादल की तरह
कलीम उस्मानी

©brijesh mehta
  #love
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta





Your name echoes not only in my heart and mind but also in the sound of my breath.

Your name alone makes me feel alive.

#मंमाधन 






,

©brijesh mehta
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta




















the best thing you can do from your lips is the kissing
the second best is to smile, always keep on smiling.

~ बृजेश







#मंमाधन #KissDay #Kiss #ValentinesDay
...

©brijesh mehta
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta

**

ना शराब-ए-तमन्ना, ना सराब-ए-जिंदगी ने 
मुझे सराब-ए-रहमत-ए-परवर-दिगार के वहम ने मारा है!

#मंमाधन













.

©brijesh mehta
29926de8252ebba138a4205776befc85

brijesh mehta

sunset nature 





अक्स था जिनका छलकते हुए पैमानों में
साकिया अब वो बहारें नहीं मैंखानों में

खेल था जिसके लिए कोहकनी ऐ हमदम
आज वो जोशे जुनूं ही नहीं दीवानों में

कोई भंवरा नजर आता नहीं मंडराता हुआ
उफ़! बहार आई है कैसी ये गुलिस्तानों में

आह ये वक्त की जिन पर था भरोसा मंजर
वो यगाने भी नजर आते हैं बेगानों में

बृजेश मेहता

©brijesh mehta
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile