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poetpankaj7148
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poet pankaj jain

i write hindi poems, shayari...even got some of them published and also done few stage performances

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poet pankaj jain

White रंग रूप सवरेगा सजनी का,
चूड़ियों की झनकार होगी ।
हो लंबी उम्र मेरे पिया की,
बस यही अब दरकार होगी ।।

हो कंठ मंगलसूत्र से सुशोभित,
सिंदूर सदा मांग में शोभा पाए ।।
करवाचौद के चांद के बाद प्रभु जी,
सामने मेरे पिया का मुखड़ा आए।।
                               - पंकज जैन

©poet pankaj jain #karwachouth
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poet pankaj jain

                                                          "रक्षाबंधन"
चमकी मुस्कान चेहरे पर,
और आँखें भर आई है ।
भाई की कलाई पर,
जो बहन ने राखी सजाई हैं ।।
भाई बहन के प्रेम की,
राखी अदभुत निशानी हैं ।
बहन की रक्षा हेतु,
भाई को देनी हर कुर्बानी हैं ।।
राखी का तार संग ,
ऊर्जा ऐसी लाता हैं ।
कर्णावती की खातिर हुमायूं,
दौड़ा चला जाता हैं ।।
द्रौपदी को निर्वस्त्र करने की,
दुःशासन तेरे मन में आई हैं ।।
अज्ञात इस सत्य से,
केशव द्रौपदी का भाई हैं ।।
निर्लज दुःशासन अब तू,
करारी मुंह की खाएगा ।
चीर बढ़ाएगा भाई बहन का,
तू कैसे चीर हरण कर पाएगा ।।
बहना मेरी खातिर तेरे,
मैं हर फर्ज़ अपना निभाऊंगा ।।
सर्वस्व लुटाकर भी मैं,
कर्ज़ राखी का चुकाऊंगा ।।
       - pankaj jain

©poet pankaj jain
  #rakshabandhan
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poet pankaj jain

गुबारों से खेलने की उम्र में,
बच्चों को गुबारे बेचते देखा हैं ।
ज़िंदगी को मैंने मासूमों पर,
इस कदर जुर्म करते देखा हैं ।
मैं रोता था अकसर,
देख अपने पुराने जख्मों को,
मैंने नन्हें वीरों को,
रीसते जख्मों में हँसते देखा हैं ।
                           - पंकज जैन

©poet pankaj jain #hunger
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poet pankaj jain

वर्णन करूं जो माँ का,
नहीं वो शब्द मेरे पास हैं ।
अक्षरों में ढलते नहीं,
यह जो माँ के एहसास हैं ।
क्या मांगू और खुदा से,
जब मेरी माँ मेरे पास हैं ।
                             - पंकज जैन

©poet pankaj jain #motherlove
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poet pankaj jain

मिलकर रहे, सशक्त रहें ।
तोड़ दी जाती हैं, अकसर अकेली लकड़ियां ।
                          - पंकज जैन

©poet pankaj jain
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poet pankaj jain

"भूख - एक सत्य घटना"
एक मासूम मिला मुझे,
जो था भूख से लाचार ।
कच्चा, पक्का या हो जला,
सब भोजन था उसको स्वीकार ।
मीठा,खट्टा या हो फीका,
भेद करना नहीं आता था ।
क्षुधा करे जो शांत उसकी,
वहीं निवाला उसे भाता था ।
हाथ में जो थी रोटी मीठी,
मैंने उसकी तरफ़ थी बड़ाई ।
झपट हाथ से मेरे उसने,
बड़े चाव से थी खाई ।
आँखों में आंसू मेरे,
दिल पर आघात रहा ।
उसका भूखा चेहरा मुझको,
दिनभर था याद रहा  ।
जो हो क्षमता तुम में,
तो स्वयं के साथ दूसरों को खिलाए ।
पाप-पुण्य  का हिसाब छोड़कर,
बस इंसानियत का फ़र्ज़ निभाए ।
                   -  पंकज जैन

©poet pankaj jain #WritersSpecial
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poet pankaj jain

कलयुग की रामायण में,
सतयुग के लक्षण मिलते नहीं ।
रावण को विभीषण मिल जाता हैं,
राम को लक्ष्मण मिलते नहीं ।
                            - पंकज जैन

©poet pankaj jain #Ram 

#NojotoRamleela
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poet pankaj jain

शिक्षक बिन शिक्षा अधूरी,
शिक्षा बिन इंसान ।
समाज में अतुलनीय है,
शिक्षक का योगदान ।
                       - पंकज जैन

#Teachers' Day

©poet pankaj jain #Teachersday
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poet pankaj jain

कहने को तो हैं बहुत कुछ,
बस अब कहा नहीं जाता ।
थक गया हूं मैं सहते-सहते,
अब और सहा नहीं जाता ।
मरने का शौक तो नहीं मुझे,
पर जिंदा भी अब रहा नहीं जाता ।

                          - पंकज जैन

©poet pankaj jain #Quote #SAD #Feel #Nojoto
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poet pankaj jain

Grandparents say             "माँ-बाप"
जो माँ-बाप का दिल दुखाएगा,
तो सुकून कैसे हिस्से आएगा !
माँ-बाप से नज़रें चुराने वाले,
ख़ुदा से कैसे नज़रे मिलाएगा !
तेरी ख़ुशी के खातिर 
हैं वृद्धाश्रम भी मंज़ूर उन्हें,
पर माँ-बाप के बिना मकान तेरा,
कभी घर नहीं बन पाएगा !

                            पंकज जैन #PARENTS #Love #Nojoto
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