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सुखन वर हूँ मैं अदना सी चंद अशआर लिखती हूँ। करूँ नित प्रेम की पूजा, अनोखा प्यार लिखती हूँ। भाव जो निर्झरित होते हृदय के अंत स्रोतों से। पिरोकर शब्दों की माला जगत व्यवहार लिखती हूँ। स्नेह निर्झर https://www.facebook.com/llekhni?mibextid=ZbWKwL