Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser6026941965
  • 119Stories
  • 1.3KFollowers
  • 5.4KLove
    7.0KViews

अंकुश पाण्डेय "अंश"

लोग कहते हैं कि हमें आदत है मुस्कुराने की पर उन्हें क्या पता कि ये अदा है गम छुपाने की UPSC APPRENTICE insta_finepandey0011

finepandey.com

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

कहानी का ऐसा किरदार होना है मुझे,
डूबकर बचाने वाली पतवार होना है मुझे.

सूरज की आंखें चकाचौंध ना कर दूं,
तब तक और चमकदार होना है मुझे.

तेरे शहर में रहूं पर मिलूं नहीं तुझसे,
दो हज़ार बीस जैसा साल होना है मुझे. 

कदर ना हो उसे मत चाहो,
बस इतना ही समझदार होना है मुझे.
अंकुश पाण्डेय "अंश" #twilight jindgi
3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

लिखने की वजह वही शख्स है

जिसे मेरी तक़दीर में नही लिखा गया ❤️

अंकुश पाण्डेय "अंश" #Hope नब्ज़ क्या ख़ाक बोलेगी,
 दिल पे जो गुजरी वो दिल ही जाने,!!

#Hope नब्ज़ क्या ख़ाक बोलेगी, दिल पे जो गुजरी वो दिल ही जाने,!! #बात

3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

इस धरती पर  मानवता का, मर्म बस एक ही, सेवा है।
हैं कर्म असंख्यों करने को, सत्कर्म एक ही, सेवा है।।
यदि धर्म, शर्म के विषय बने,व्यापक कटुता फैलाने में।
तब एक ही सूत्र पिरोने को, युगधर्म एक ही, सेवा है।।

HAPPY CIVIL SERVICE DAY

अंकुश पाण्डेय "अंश"
3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

उतार के फेक दी उसने तोहफे मे मिली पायल...
      ....उसे डर था की छनकेगी तो मै याद आ जाऊंगा..

अंकुश पाण्डेय "अंश" भूलना तो जमाने की रीत है मगर..!

 तुमने यह शुरुआत हम से ही क्यों कि..!

भूलना तो जमाने की रीत है मगर..! तुमने यह शुरुआत हम से ही क्यों कि..!

3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

तुम्हारे बगैर ये वक़्त, ये दिन और ये रात,
.
.
गुजर तो जाते हैं मगर, गुजारे नहीं जाते ।।


अंकुश पाण्डेय "अंश" बेख़बर तेरे लिए एक मशवरा है
 कभी हमारा ख्याल आये तो आपना ख्याल रखना

बेख़बर तेरे लिए एक मशवरा है कभी हमारा ख्याल आये तो आपना ख्याल रखना

3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

उसको भी होली की बधाई,

 जो किसी और की

 हो  ली
 😍
3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

हां मैं ही हूँ वो जो अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव पर भी

 झुककर तेरे पैरों में पायल बांध पाऊंगा 

अंकुश पाण्डेय "अंश" कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है,
और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..

कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है, और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..

3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

मुझमें ही हौसला नहीं वरना
.
.
छत का पंखा पुकारता है मुझे एक दो बार रो लेने से दिल हलका हो जाता है...
बार बार रोने पर दिल कमज़ोर हो जाता है...

एक दो बार रो लेने से दिल हलका हो जाता है... बार बार रोने पर दिल कमज़ोर हो जाता है...

3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

मेरा ख़्याल तेरी चुप्पियों को आता है

तेरा ख़्याल मेरी हिचकियों को आता है

अंकुश पाण्डेय "अंश"
3267b8a4bc11a39383718cb91f881e94

अंकुश पाण्डेय "अंश"

तुझे नजरअंदाज करूँ भी तो कैसे..


तेरे इन्तजार से भी मैंने मोहब्बत की है...!!



अंकुश पाण्डेय "अंश"

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile